रेलवे की विभागीय परीक्षाओं को लेकर फिर सुर्खियों में आया एनआर मंडल

-
पेपर बनाने से लेकर वरिष्ठता सूची में भ्रष्टाचार, एक अधिकारी एवं बिचौलिए यूनियन नेता की भूमिका अहम
लखनऊ। जहां एक तरफ रेलवे बोर्ड ने विभागीय परीक्षाओं को आरआरबी से कराने का फैसला लिया है तो वहीं अब लखनऊ मंडल में वर्षों से पेंडिंग विभाग की सारी परीक्षाएं बड़ी तेजी से नोटिफिकेशन कराया जा रहा है और तत्काल परीक्षा विभाग से कराने का फैसला लिया गया है आखिर क्यों क्या है रेलवे की मजबूरी।इसके पीछे एक चर्चित नेता और एक अधिकारी की भूमिका काफी अहम बतायी जा रही है अब देखना ये है कि क्या नवागत मंडल रेल प्रबंधक इस परीक्षा को सुचारू रूप से करा पायेंगे। रेलवे के दर्जनों रेलवे कर्मचारियों ने बताया कि चोर दरवाजे से आधा दर्जन रेलवे कर्मचारी हित निरीक्षक जो सृजित पद की संख्या लगभग आधा दर्जन से अधिक बतायी जा रही है , अप्रत्यक्ष रूप से बिना परीक्षा के ही उत्तीर्ण हो चुके हैं और केवल खानापूर्ति के लिए परीक्षा रेलवे प्रशासन करायेगा जबकि वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी अमित पांडेय जो काफी तेज तर्रार हैं और भ्रष्टाचारियों के आंखों में किरकिरी बने हैं क्या सफल हो पायेंगे। मिली जानकारी के अनुसार हित निरीक्षक की परीक्षा 2019-20 में भी रेलवे नोटिफिकेशन दो बार करवा चुकी है लेकिन भ्रष्टाचार को लेकर मीडिया में खबर चलने के बाद परीक्षा को तत्कालीन मंडल रेल प्रबंधक ने निरस्त कर दिया था। अब एक बार फिर भ्रष्टाचार का जिन्न बाहर निकल आया है एक महिला बाबू तो इतना भ्रष्टाचार कर रखा है कि वह किसी की सुनती ही नहीं। भुक्तभोगी रेल कर्मचारियों ने मांग किया है कि परीक्षा सूची अल्फाबेट के अनुसार बनाकर परीक्षा का सीटिंग प्लान तैयार किया जाए,तभी परीक्षा रेलवे प्रशासन कराये क्योंकि जो परीक्षा सूची जारी की गयी है उस परीक्षा सूची में कुछ परीक्षार्थियों का क्रम पात्रता सूची के अनुसार रखा गया है लेकिन कुछ संबंधित सीओएस ने अपने खास कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के लिएपात्रता सूची के क्रम से उठाकर उनके मंशानुसार तीसरे दिन परीक्षा दिलाने और 6-7 कर्मचारियों को एक क्रम में जिससे उनको लाभ मिल सके इस प्रकार से परीक्षा सीटिंग प्लान एक यूनियन के नेता और अधिकारी के दबाव में किया गया है। सबसे मजे की बात तो ये है कि ये सभी परीक्षार्थी एक चर्चित यूनियन के पदाधिकारी भी हैं।उदाहरणार्थ रंजन सिंह एडीएस सहायक मंडल मंत्री छत्डन् ये कभी भी डियूटी नहीं किया है लाईन पर इसकी वर्किंग रिपोर्ट मंगाये प्रशासन तो पोल खुल जायेगा, रुपेश यादव एनआरएमयू शाखा सचिव पीडब्लूएवाई आशीष त्रिवेदी सहायक शाखामंत्री,प्रवीन कुमार शाखा उपाध्यक्ष राजेश यादव डेलीगेट ,राहुल दूबे डेली गेट, प्रशांत बाजपेयी डेली गेट,रामनरेश पाल डेलीगेट ये तो एक छोटा उदाहरण है रेलवे कर्मचारियों ने महाप्रबंधक से इन लोगों की तीन वर्ष की वर्किंग रिपोर्ट मंगाकर जांच कराने की मांग किया। इसी प्रकार से जेई की भी परीक्षा दो बार निरस्त हो चुकी है 18 अक्टूबर 2024 को जेई की परीक्षा होनी थी विभाग द्बारा जिनका पद लगभग एक दर्जन से अधिक बतायी जाती है भरा जाना है सौदेबाजी के कारण निरस्त हो चुकी है लेकिन इन भ्रष्टाचारियों के आगे रेलवे बोर्ड नतमस्तक हो गया सबसे मजे की बात तो ये है कि परीक्षा का जो पेपर बनाया जाता है वहीं से सौदेबाजी शुरू हो जाती है। सूत्रों की मानें तो पेपर चौबीस घंटे पहले चहेते परीक्षार्थियों को उपलब्ध करवा दिया जाता है बताया जाता है कि 2018-19 में तो तत्कालीन सीडीपीओ के कार्य काल में करोड़ पति नेताजी से पूंछकर पेपर बनाया जाता था और अवैध वसूली का सारा कार्य उक्त नेता एवं एक चर्चित सीपीआई करता था सीडीपीओ के नाम पर ।जब कोई लड़का सर्विस कमीशन से आता था तो उक्त सीपीआई सौदेबाजी करता था फिर मोटी रकम वसूलने के बाद ही नियुक्त होता था इसी भ्रष्टाचार के चलते उक्त सीपीआई पर विजिलेंस केस भी चल चुका है लेकिन नेताजी के दबाव में मामला रफा दफा हो गया।