Ayodhya

रायबरेली के चर्चित स्टेशन अधीक्षक एवं सीएचआई के विरुद्ध संविदा कर्मियों ने खोला मोर्चा

होली त्योहार पर नहीं मिला वेतन, मंडल रेल प्रबंधक ने लिया संज्ञान

लखनऊ। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में रायबरेली प्रकरण एक बार फिर बना चर्चा का विषय संविदा कर्मियों का वेतन न देने से मचा बवाल मंडल का एक वरिष्ठ अधिकारी की भूमिका संदिग्ध है।भुक्तभोगी कर्मचारी भुखमरी के कगार पर रेलवे मंत्रालय के अधिकारी एंव रेलमंत्री के आंखों पर पडा पर्दा क्यों।पूरे लखनऊ मंडल में प्रतापगढ, अयोध्या कैंट, जौनपुर, अमेठी आदि स्टेशनों पर ठेका कंपनियों के गुर्गे कर चुके हैं लाखों का घोटाला।मिली जानकारी के अनुसार रायबरेली स्टेशन जो एक समय वीआईपी की श्रेणी में आता था दबंग रेलवे कर्मचारियों एवं ठेकेदारों के चंगुल में आ चुका है वरिष्ठ मंडल परिचालक प्रबंधक साधे मौन। रेलवे स्टेशन रायबरेली स्टेशन पर इस कदर स्टेशन अधीक्षक एवं मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक का आतंक हो गया है कहा तो यहां तक जाता है कि स्टेशन अधीक्षक सी डीओएम का खास चहेता है एवं एक चर्चित यूनियन नेता जिसने खुद अपनी सेवा पुस्तिका घोटाला मामले में लिव एकाउंट गायब करवा रखा है का खास चहेता है। खुलेआम रायबरेली स्टेशन पर तैनात संविदा कर्मियों जो त्छ इंडस्ट्रीज नामक कंपनी के तहत नियुक्त हैं खुलेआम नारेबाजी वीडियो में हो रही है और धरना प्रदर्शन भी करने के लिए बाध्य हो चुके हैं जबकि अभी पिछले माह इन दोनों कर्मियों के खिलाफ भी वीडियो सहित खबर चली थी लेकिन मंडल रेल प्रबंधक से लेकर मंडल परिचालन प्रबंधक तक के ऊपर कौन मंत्र कर दिया गया कि दोनों चुप होगये। लखनऊ राजधानी के आधा दर्जन भाजप के समर्थकों ने इसकी भी जांच प्रधानमंत्री एवं रेल मंत्री से सीबीआई कराने की मांग किया है।जिस प्रकार पीडीडीयू मंडल आफिस मुगलसराय पूर्व रेलवे में सीबीआई जांच चल रही है।रेलवे के रिटायर्ड एवं कार्य रत कर्मचारियों ने बताया कि लखनऊ मंडल का रेलवे प्रशासन यूनियन चला रही है क्योंकि बार बार खबरें चलने के बावजूद बालबांका नहीं हो रहा रायबरेली के स्टेशन अधीक्षक एवं सीएच आई का आखिरी क्यों?जनके इशारों पर रेलवे प्रशासन नाच रहा है।एक यूनियन नेता ने बताया कि अगर हम लोग उतर गये रोड पर तो दर्जनों अधिकारी फंस जायेंगे ये सबके बंगले पर अवैध रूप से कर्मचारी लगे हुऐ हैं और हाजिरी आफिस लाईन पर दिखाई जा रही है परिचालन विभाग में तो आधा दर्जन गार्ड वरिष्ठ अधिकारियों के यहां मौज कर रहे हैं और इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों के यहां दर्जनों ट्रक मैंन खाना बनाने से लेकर कपड़ा धोने तक लगे हैं। बताया कि कोई भी अधिकारी अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देता जबकि हर वर्ष ब्यौरा देना अनिवार्य है। सूत्रों की मानें तो आज जो ये संविदा कर्मचारी धरना दे रहे हैं इन्हीं के लिए बनी यूनियन में यूनियन ठेका जिसका मंडल मंत्री खुद अपनी सेवा पुस्तिका गायब करवा दिया है क्योंकि 2014, से लेकर 2021, तक इंजीनियरिंग विभाग में सैकड़ों कर्मचारियों ने एक इंक्रीमेंट अधिक ले चुके हैं ।मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक खुलेआम कहता है कि हमारा कोई कुछ विगाड़ नहीं सकता मै अधिकारियों को उनके मनमाफिक कार्य करता हूं। आखिर क्या न्याय मिल पायेगा इन संविदा कर्मियों को ।गजब के हैं प्रधानमंत्री एवं रेल मंत्री घूम घूमकर केवल अनपढ जनता को सब्जबाग दिखाकर संतुष्टि प्रदान कर रहे।

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