राम नाम के कल्पवृक्ष की छाया में आने से सफल हो जाता है मनुष्य का जीवन-संपूर्णानंद

बसखारी,अंबेडकरनगर। रामायण एक काल्प वृक्ष के समान है।इसके छाया में आने से मनुष्य की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं। बस देखना यह होता है कि मनुष्य किस भाव से इस राम रूपी कल्पवृक्ष के नीचे पहुंच रहा है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है ,रामहि केवल प्रेम पियारा, जानि लेव जो जाननी हारा। ईश्वर को सिर्फ भाव से मतलब होता है।आपकी संपत्ति या आपके प्रपंच से ईश्वर का कोई वास्ता नहीं होता। इसलिए निर्मल मन से ही भगवान के शरण में जाने वाले की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं उक्त बातें बसखारी में मोतिगरपुर स्थित सिद्धेश्वर पीठ पर चल रही सप्त दिवसीय श्री राम कथा के प्रथम दिन मंगलवार को कथा का महत्व बताते हुए कथा व्यास संपूर्णानंद जी महाराज ने कहीं। उन्होंने बताया इस कलिकाल में सिर्फ राम नाम का जाप ही मनुष्य को इस भवसागर से पार करने में सक्षम है।इसलिए मनुष्य को अपना हर कार्य भगवान को समर्पित करके मन में हर समय राम नाम का सुमिरन करना चाहिए।कथा के पूर्व सिद्धेश्वर पीठ धाम के महंत कृष्णानंद जी, मुख्य यजमान राम यज्ञ दुबे ने कथा व्यास की आरती उतार कर कथा का शुभारंभ करवाया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से आचार्य पंडित उमेश आचार्य पंडित मोरध्वज पांडे य आचार्य पंडित मनोज तिवारी विपिन शास्त्री, देवी शरण पांडे, प्रेमलता ,श्याम जी गुप्ता ,राहुल कनौजिया, विपुल गुप्ता, विकास पांडे ,दुर्गा सिंह सहित कई लोगों ने व्यास पीठ का माला पहनकर स्वागत किया। कथा में सैकड़ो राम भक्तों ने पहुंचकर राम कथा का अमृत रसपान किया। प्रथम दिन के कथा का समापन आरती एवं प्रसाद वितरण के साथ किया गया।