मुख्यमंत्री जी, अकबरपुर उपनिबंधक कार्यालय में भ्रष्टाचार का बोलबाला,जमीनों के नवइयत बदलकर बैनामों का मामला
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अम्बेडकरनगर। नियम विरूद्ध और गलत ढंग से रजिस्ट्री यानी बैनामा करने के लिए अकबरपुर का उपनिबंधक कार्यालय इन दिनों सुर्खियों में है। जब से बड़े बाबू के रूप में पड़ोसी जनपद के एक महानुभाव यहां पधारे है तब से तो दिन-दो-गुनी रात-चौगुनी की दर से नियम कानून को ताख पर रखकर बैनामें की गूंज गांव से लेकर शहर तक सुनायी देने लगी है। कुछ दिनों पहले की बात है इसी अकबरपुर में सड़क के किनारे और अन्दर की जमीन में हेरा-फेरी करके फतेड़पुर पकड़ी के एक गरीब नौजवान से बैनामा करा लिया गया था अपने आप को शासन तक की पड़क बनाने वाले रजिस्ट्री दफ्तर के महानुभाव कहते है। इस सरकार में हमारा कोई बाल बांका नहीं कर पायेगा जब कि उन्हें यह पता नहीं है कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसी भी नियम कानून को तोड़ने वाले को कतई पसन्द नहीं करते लेकिन आखिर कौन सी ऐसे अहंकार के मद में चूर होकर रजिस्ट्री दफ्तर के ऊपर से नीचे तक के सभी महानुभाव नियम विरूद्ध काम करने में कोई भी हिच-किचाहट नहीं दिखा रहे है। अकबरपुर तहसील वासियों को योगी के न्याय प्रियता पर पूरा भरोसा है कि जिस दिन इनका कारनामा सूबे के मुखिया योगी के संज्ञान में आयेगा उसी दिन इन महानुभावों का दिमांग भी ठीक हो जायेगा। अब देखना है कि सूबे के मुखिया तक यह मामला कब पहुंचता है और अकबरपुर रजिस्ट्री दफ्तर के विगत चार साल के कार्यकाल का विधिवत जांच होकर दूध का दूध और पानी का पानी होकर रहेगा। अभी जल्द ही एक मामला गोविन्द गनेशपुर गाटा संख्या-21 का आया है। साल भर पहले उसका बैनामा वर्ग मीटर में अकबरपुर उपनिबंधक कार्यालय में लिखा गया और फिर इस साल जनवरी महीने में वहीं गाटा संख्या कृषक भूमि दिखाकर बैनामा हुआ है जो जांच का विषय है।