मालीपुर थाने की घूसखोरी रोकने में नाकाम साबित हो रहे क्षेत्राधिकारी
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मालीपुर थाने की घूसखोरी रोकने में नाकाम साबित हो रहे क्षेत्राधिकारी
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शिकायतों की जाँच में दोषी पाये जाने पर अब तक कई दरोगा व सिपाही हो चुके हैं लाइन हाजिर
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ऐसे लोगों के लिए काला कृत्य बना फैशन, नहीं समझते हैं लाइन हाजिर व निलम्बन जैसा दण्ड
जलालपुर, अंबेडकरनगर। एक वर्ष के अंदर भ्रष्टाचार समेत अन्य आरोपों में कई उपनिरीक्षकों,सिपाहियों आदि को पुलिस लाइन भेज कर दंडित किया गया इसके बावजूद थाना में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। या यूं कहे मालीपुर थाना में लाइन हाजिर किया जाना एक फैशन बन गया है।
भ्रष्टाचार पर अनेक दिन दूना रात चौगुना बढ़ रहा है। लगातार लाइन हाजिर किए जाने के बाद भी यहां तैनात पुलिस कर्मियों के अंदर डर व भय पूरी तरह समाप्त हो गया है। भ्रष्टाचार पर थानाध्यक्ष और सीओ अंकुश लगाने में पूरी तरह नाकाम हो रहे है। अभी बीते सोमवार को थाना पर तैनात सिपाही सतीश यादव को इसी भ्रष्टाचार के आरोप में पुलिस अधीक्षक ने लाइन हाजिर कर दिया।
जनचर्चा है कि इसमें दोनों अधिकारी भी बराबर के हकदार है। यही कारण है कि मालीपुर थाना सुखियो में बना हुआ है। सबसे पहले यहां तैनात एसआई प्रमोद खरवार पर दुष्कर्म पीड़िता के दर्ज मुकदमे में बीपक्षीयो पर मिलीभगत का आरोप लगा। जिसके चलते पीड़िता ने फांसी लगा लिया। मामला सुर्खियों में आने के बाद एसआई को लें हाजिर कर दिया गया।
इस प्रकरण में महज कुछ दिन के थानेदार चंद्रभान यादव को बलि का बकरा बना दिया गया। यही से सिलसिला शुरू हुआ जो आज तक अनवरत जारी है। इसी के बाद उपनिरीक्षक बृजेश सिंह का घुस मांगते एक आडियो वायरल हो गया। वायरल आडियो के बाद उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया।
यहां तैनात राघवेन्द्र यादव और इंद्रभान यादव पर सूचना लीक करना,एक विशेष जाति को नाजायज फायदा पहुंचाना और भ्रष्ट्राचार के आरोप में यहां से लाइन भेज दिया गया। भ्रष्टाचार समेत अन्य आरोप में सूरज कुमार,अभिषेक तिवारी,उमाशंकर मौर्य,बृजेश यादव को पुलिस लाइन भेज दिया गया। एक माह बाद बृजेश यादव को पुनः यहां वापस भेज दिया गया।
अभी यहां तैनात सुनील यादव के ऊपर समझौता कराने के नाम 25 हजार रुपए लेने का पीड़ित का वीडिओ वायरल हुआ था जिन्हें बक्श दिया गया। अब ताजा मामला बीते सोमवार को हुई पुलिस अधीक्षक ने भ्रष्टाचार के आरोप में सतीश यादव को लाइन हाजिर कर दिया।