Ayodhya
माया से दूर होते ही खुल जाते हैं जीवन के सभी बन्धन-स्वामी श्रीधराचार्य
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माया से दूर होते ही खुल जाते हैं जीवन के सभी बन्धन-स्वामी श्रीधराचार्य
अम्बेडकरनगर। मोह माया से दूर होते ही जीवन के सभी बन्धन अपने आप खुल जाते हैं। उक्त उदगार मानिकपुर गाँव में भाजपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रामचन्द्र उपाध्याय के आवास पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन का रसपान कराते हुए अयोध्या धाम से पधारे कथा व्यास पूज्य श्रीधराचार्य ने ब्यक्त किया। कथा को विस्तार देते हुए कथा ब्यास ने कहा कि मानव जीवन में ईश्वर के इशारे पर ही माया हमेशा अपना वर्चस्व बनाए रहती है, लेकिन जब मनुष्य ईश्वर की शरण में आ जाता है तो माया अपने आप उससे दूरी बना लेती है और माया के दूर होते ही मानव के जीवन के सारे बन्धन अपने आप खुल जातेहैं। उन्होंने श्रीमद्भागवत से इसके अनेक उदाहरण देते हुए कहा कि जब जीव ईश्वर की शरण में आ जाता है तो उसकी सारी जिम्मेदारी ईश्वर स्वयं संभाल लेते हैं।