महाकुंभ में पुलिस बल के साथ भेदभाव, तैनात सिपाहियों के अतिरिक्त वेतन का मामला
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प्रयागराज । महाकुंभ मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को संभालने के लिए हजारों की संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। मगर सवाल यह उठता है कि जहां प्रशासनिक कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों को अतिरिक्त वेतन (एक्स्ट्रा सैलरी) दी जा रही है, वहीं फील्ड में तैनात सिपाहियों को यह सुविधा नहीं मिल रही है। सूत्रों के अनुसार, जो सिपाही 10 दिन तक मेला ड्यूटी कर रहे हैं, उन्हें केवल उनकी सामान्य ड्यूटी के दिन गिने जा रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि उन्हें भी उतनी ही अतिरिक्त सैलरी मिलनी चाहिए, जितनी ऑफिस में बैठे अधिकारियों को मिल रही है। पुलिस कर्मियों में गहरा असंतोष एक पीड़ित सिपाही ने अपनी व्यथा साझा करते हुए बताया कि दृहम दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, ठंड हो या गर्मी, अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं। मगर जब वेतन की बात आती है, तो केवल ऑफिस में काम करने वालों को ही अतिरिक्त वेतन दिया जाता है, जबकि फील्ड में खड़े सिपाहियों को उनका पूरा हक नहीं मिल रहा है। यह सरासर अन्याय है।
उच्च अधिकारियों से मांग
महाकुंभ मेले की सुरक्षा में लगे हर पुलिसकर्मी की ड्यूटी बराबर महत्वपूर्ण है। इसलिए सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वह इस भेदभाव को तुरंत खत्म करें और जो सिपाही मेला ड्यूटी में तैनात हैं, उन्हें उनके अतिरिक्त कार्य के बदले पूरा वेतन प्रदान किया जाए। क्या प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर कोई कदम उठाएगा? या फिर फील्ड में तैनात पुलिसकर्मी इसी तरह अपने अधिकारों से वंचित रहेंगे।