भ्रष्टाचार में आकंठ प्रधान के खिलाफ कार्यवाही के बजाय संरक्षणदाता बने अधिकारी
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अंबेडकरनगर। ग्राम प्रधान परिवार के दंबगई और गुंडई के आगे ब्लॉक प्रशासन नतमस्तक है। महिला ग्राम प्रधान के जिला पंचायत सदस्य पति के रसूख के आगे यहां जनसूचना अधिकार के तहत मांगी गई जनसूचना नहीं दी जा रही है। सहायक जनसूचना अधिकारी पंचायत गोल-मोल जवाब दे रहे है। मामला भियांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत माधवपुर का है। गौरतलब हो कि माधवपुर ग्राम पंचायत के निवासी मयंक सिंह पुत्र अरुण सिंह ने बीते 16 जनवरी को ग्राम पंचायत माधवपुर के विकास कार्यों के बारे में जनसूचना मांगी थी। इस ग्राम पंचायत के विकास में जमकर भ्रष्टाचार किया जा गया है। इनके द्वारा जनसूचना में मांग की गई थी 2020 से अब तक मनरेगा राज्य वित्त एवं 16,17 वित्त में कुल कितनी धनराशि प्राप्त हुई और कुल कितने रुपए खर्च किए गए है। इस दौरान कितने इंडिया हैंडपंप की मरम्मत और रिबोर की गई है उसका ब्यौरा उपलब्ध कराए। राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन के योजना में सार्वजनिक शौचालय, व्यक्तिगत शौचालय समेत अन्य कार्यों का ब्यौरा, सौर ऊर्जा, स्ट्रीट लाइट और सीमेंटेड बेंच की खरीदारी में कितनी धनराशि खर्च की गई और इसका प्रयोग किस किस स्थान पर किया गया। इसी कड़ी में गांव निवासी मयंक ने कुल 11 बिंदुओं पर जनसूचना की मांग की किन्तु उक्त दबंग परिवार के रसूख के आगे सहायक जनसूचना अधिकारी जवाब नहीं दे रहे हैं। उक्त मांगी गई जनसूचना सचिव को देनी है। सचिव समय से आख्या उपलब्ध नहीं कराए। किसी का कोई दबाव नहीं है। एक सप्ताह के भीतर जनसूचना में मांगी गई सूचना उपलब्ध कराई जाएगी। सुनील श्रीवास्तव एडीओ पंचायत भियांव।