Ayodhya

प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों के शोषण का शिकार हो रही हैं समूह की गरीब महिलाएं

 

टांडा,अंबेडकरनगर। समूह में काम करने वाली गरीब महिलाओ को टांडा क्षेत्र की प्राइवेट फाइनेंस कम्पनियों द्वारा ऋण देकर अपने मकडजाल में फंसाने का मामला प्रकाश में आया है एक बार फंसने के बाद ऋण चुकता न कर पाने की स्थिति में इनका शोषण होता है इन प्राइवेट फाइनेंस कम्पनियों के गुर्गे सुबह 8 बजे से रात 10 बजे घर जाकर वसूली करते है जिस कारण ऋण जमा न करने की स्थिति में या घर छोडकर भाग जाते है या फिर आत्महत्या कर लेते है जानकारी के बाद भी इन कंपनियो पर कोई कार्रवाई नही है रही है ।टांडा क्षेत्र में प्राइवेट बैंकों द्वारा महिलाओं का समूह बनवाकर लोन दिया जाता है समूह में पांच या सात महिलाओं का होना अनिवार्य है।प्राइवेट बैंकों द्वारा गरीब महिलाओं को अखिर किस आधार पर पैसा दिया जाता है।क्या उनके पास कोई रोजगार हैं?या नहीं?टांडा नगर क्षेत्र में दर्जनों से ज्यादा प्राइवेट बैंक चल रहे हैं। जो समूह पर पैसा देते हैं प्राइवेट बैंकों से समूह की पैसा लेने वाली ज्यादातर महिलाओं की हालत बत से बत्तर हो गई।बीते एक साल में कई ऐसे मामले सामने आये है जिसमें प्राइवेट फाइनेंश कम्पनियो द्वारा समूह की महिलाओ को ऋण दिया जा रहा है । ऋण जमा न कर पाने की स्थिति में इनका शोषण किया जाता है फाइनेंस कर्मियों के गुर्गो के द्वारा बलपूर्वक दबंगई के साथ वसूली की जाती है कर्ज लेकर कर्ज की राशि नहीं चुका पाने की स्थिति में कई महिलाओ के आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। फाइनेंस कंपनी के कर्मी बडे ही आसानी से गांव की महिलाओं को अपना शिकार बना रहे हैं। कई गांवों की महिलाएं लोन की रकम उठाकर दूसरे महिलाओं को दे देती है लोन की रकम ज्यादा होने पर कर्जदार महिला तनाव में आ जाती है। जानकर बताते है कि फाइनेंस कर्मी शहरी ग्रामीण दोनो इलाके गरीब महिलाओ को टार्गेट करते है इलाके के किसी महिला को पहले 40 हजार का लोन पास कराते हैं फिर ये चालीस हजार रुपये हफ्ता दर हफ्ता किस्त में अदा करनी पडती है। किस्त की रकम में ब्याज भी जुडा रहता है। ऐसे में जब 40 हजार रुपये का लोन समाप्त हो जाता है तब जाकर अगला लोन 80 हजार रुपये का दियाजाता है। ऐसे में वैसी महिला जिनको ज्यादा लोन लेना होता है वे पहले 40 हजार लोन लेकर दूसरे महिला को दे देते हैं फिर वहीं महिला 80 हजार के लोन लेने की लालच में फंस जाती है और कोई एक महिला सैकडों महिलाओं से लोन की पहली रकम लेकर फरार हो जाती है या तनाव में आत्महत्या कर लेती है। लोगो ने सीएम से कार्रवाई की मांग की है। सरकार द्वारा चलाई जा रही प्राइवेट बैंकों द्वारा समूहों से लिए पैसों से रोजगार व अन्य काम करे लेकिन यह गरीबों के लिए फास बनता नजर आ रहा है।

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