पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय कालेज में खामियों का अम्बार,जांच कराये जाने पर होगा पर्दाफास
दोस्तपुर,सुल्तानपुर। दोस्तपुर विकास खंड अन्तर्गत ग्राम सभा तेंदुआ काजी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय इन्टर कालेज में जब प्राध्यापक ही सरकार के नियमों को नहीं मानते तो सहायक अध्यापक कहा से मानेंगे यहां वह कहावत चरितार्थ होती है कि दाल तो दाल यहां पूरी दाल ही काली है। हम आपको इस प्रकरण को संज्ञान में इस लिए ला रहा हूं कि अगर सरकार वेतन देती है तो इस लिए नहीं कि प्रध्यापक से लेकर सहायक अध्यापक तक सभी लोग समय से स्कूल ना पहुंचे सरकार ने सभी के लिए सभी विद्यालयों में बायोमैट्रिक उपस्थिति की है सभी लोग रोज समय से आये और अपनी अंगूठा लगायें मगर यहां तो अंगूठा लगाने को कौन कहे यहां सहायक अध्यापक तो पत्रकारों को बताये कि बायोमैट्रिक दस दिनों से खराब है वहीं दूसरी तरफ यह प्रध्यापक से बात करने पर यह कहा गया कि दो दिनों से खराब है जबकि इससे यह साबित होता है कि यहां के प्रधानाचार्य मो रफीक कभी विध्यालय आते ही नहीं है अगर आते होते तो शायद उनको यह मालूम होता कि बायोमैट्रिक कितने दिनों से खराब है अगर हम यह मान लें कि प्रध्यापक सही बोल रहे हैं तो सहायक अध्यापक झूठ बोल रहे हैं और अगर सहायक अध्यापक झूठ बोल रहे हैं तो प्रध्यापक सही बोल रहे हैं ऐसे में यह संदेश पैदा हो रहा है कि दाल तो दाल यहां महा दाल ही काली है इतना ही नहीं इस विध्यालय में एम डी एम उन्नीस बच्चों को भोजन बनाने के लिए आज शनिवार के दिन यह बताया गया कि चावल और सोयाबीन युक्त सब्जी दी जायेगी पत्रकार के पूछने सब्जी जो दिखाई गई उसमें यह बताया गया कि उन्नीस बच्चों के लिए एक किलो आलू आधा किलो टमाटर आधा किलो मटर सोयाबीन की तीन पेकेट वो भी पांच रुपए की पैकेट मंगाई गई है लगभग-लगभग ग्यारह से बारह बजे तक रसोइया भी नही आई थी ऐसे में पत्रकारों के पहुंचने के बाद सहायक अध्यापक ने यह बताया कि प्रध्यापक अभी आ रहे हे है जबकि प्राध्यापक से बात करने पर यह कहा गया कि मैं आज छुट्टी पर हूं अब सोचिए कि घर का एक सदस्य घर पर न हो और घर के पूरे सदस्य यह बताते फिरें कि अभी रास्ते में है और पूरे दिन बीत जाने के बाद भी प्रधानाचार्य का दर्शन नहीं हुए तो यह साबित तो हो ही गया कि दाल तो दाल यहां तो पूरी दाल ही काली है।