पंचायत भवनों पर जरूरतमंदों के कार्य न होने से कर्मचारियों को सीडीओ ने दिये निर्देश
जलालपुर, अंबेडकरनगर। मुख्य विकास अधिकारी ने पंचायत भवनों को कैमरों से जोड़कर संबंधित अधिकारियों के कार्यों के निगरानी करने तथा कार्यों के प्रति जवाबदेही तय करने का निर्देश दिया है। सरकार द्वारा आम जनमानस तक ई-गवर्नेंस के माध्यम से पहुंच को आसान बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों रुपयों की लागत से ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण कराकर ग्राम सहायकों की नियुक्ति भी की गई थी लेकिन उन सभी योजनाओं और प्रयासों पर अधिकारियों की उदासीनता पानी फेरते नजर आ रही है। अलग-अलग ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने बताया कि गांव में लाखों रुपए की लागत से हाईटेक पंचायत भवनों का तो निर्माण कर दिया लेकिन इस भवन में न तो ग्राम सचिव बैठते हैं कंप्यूटर सहायक और न ही लेखपाल या ग्राम प्रधान, जिसके परिणाम स्वरूप छोटे से छोटे कार्य के लिए ब्लॉक मुख्यालय पर जाना पड़ता है। एक काम के लिए कई बार कभी पंचायत सहायक, ग्राम सचिव तो कभी लेखपाल और ग्राम प्रधान से ब्लॉक मुख्यालय का चक्कर पर चक्कर लगाना पड़ता है। विगत दिवस ब्लॉक परिसर में निरीक्षण हेतु पहुंचे मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार शुक्ल ने सभी ब्लॉक के ग्राम पंचायत सचिवालयों को कैमरे से जोड़ते हुए मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया था। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा स्पष्ट रूप से ग्राम सभा में निर्मित सचिवालयों के उद्देश्यों को पूरा करने हेतु जिम्मेदार अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा उनकी निगरानी करने तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश दिए गये थे। इस संबंध में जलालपुर बीडीओ राम विलास राव और भियांव ब्लॉक बीडीओ अंजली भारती ने बताया कि सभी ग्राम सचिवों को एक सप्ताह में कैमरे से लगाने का निर्देश दिया गया है और एक सप्ताह बाद सभी ग्राम पंचायत भवनों की समीक्षा कर आगे की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।