देखें वीडियो…जाफरगंज डाकघर में आधार कार्ड बनाने व संशोधन के नाम पर जरूरतमंदों से लूट
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भुक्तभोगियों ने बताये किस तरह पटल पर बैठा कर्मचारी कर रहा है अवैध वसूली
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लोगों ने लगाये डाकघर कर्मचारियों और आधार कार्ड बनाने वाले की मिलीभगत का आरोप
अम्बेडकरनगर। मुख्यमंत्री जी आपकी सरकार में जिले में सरकारी तंत्र चारों तरफ लूट ही लूट मचा रहा है। आखिरकार जब भ्रष्टाचार का पुजारी सरकारी तंत्र खुद ही हो जाएगा तो लोगों का काम कैसे होगा। इसकी एक नजीर जाफरगंज पोस्ट ऑफिस में आधार कार्ड बनाने के नाम पर पोस्ट ऑफिस में जमकर वसूली दलालों द्वारा की जा रही है। विभागीय निर्देश के अनुसार नया आधार कार्ड बनवाना पूरी तरह से निशुल्क है। लेकिन अंधेर गर्दी मची है जाफरगंज डाक घर में आधार कार्ड बनवाने व अपडेट संसोधन के नाम पर ग्राहकों से अवैध तरीके से गुमराह करके पैसे वसूले ले जा रहे हैं।
वहीं आधार कार्ड बनवाने के लिए मौजूद कुछ लोगों ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि आधार कार्ड फार्म जमा किए हुए कई घंटे बीत जाते हैं लेकिन हमारा आधार कार्ड बन नहीं पाता बगल में बने चाय की दुकानों पर चार-पांच लोगों का ऐसा भी एक गिरोह है जो मोटी रकम लेकर तत्काल आधार कार्ड से संबंधित काम करवा देते हैं। लाइन में लगे हुए लोग खड़े होकर देखते ही रह जाते हैं.
डाकघर में आधार कार्ड बनाने वाले व्यक्ति से जब पूछा गया तो उसने बताया कि नए आधार कार्ड बनाने का भी पैसा लिया जाता है और तरह-तरह के आधार से संबंधित शुल्क बताने लगा जो कि कमरे में कैद हो गया काउंटर के ठीक बगल में बैठे जाफरगंज डाकघर के बड़े बाबू अशोक मौर्य से जब पूछा गया तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि नया आधार कार्ड बनवाने पर कोई शुल्क लिया नहीं जाता.
वहीं आधार कार्ड बनवाने आए कई लोगों ने यह भी बताया कि मोबाइल नंबर और कोटेदार के यहां अंगूठा नहीं लग रहा है बस आधार कार्ड को अपडेट करने के नाम पर लोगों से डेढ़ सौ रूपया लिया जा रहा है। आखिरकार भ्रष्टाचार मुक्त का दावा करने वाली प्रदेश सरकार में इस तरह की अंधेर कर दी जनता को कब तक सहन करना पड़ेगा। अभी चार दिन पहले जिले के दौरे पर आए मुख्यमंत्री जी को सब कुछ आल इज वेल मिला। यह जिले के भ्रष्ट अधिकारियों की ही देन रही।
क्योंकि जिले के अधिकारी हैं। सारे कामों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में लिप्त हैं और उसको छुपाने के लिए हर स्तर पर तैयार रहते हैं। यही कारण रहा की मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में भ्रष्टाचार का नामोनिशान ही देखने को नहीं मिला। जिस अधिकारी अपनी पीठ थपथपाने में सफल रहे। और जिसका खामियाजा जिले की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।