तालाबों से अवैध अतिक्रमण हटवाने में सुप्रीम कोर्ट का आदेश बेअसर
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राजस्व महकमा की मिलीभगत से मंशा में कामयाब हो रहे हैं भू-माफिया
जलालपुर, अंबेडकरनगर। जल संरक्षण हेतु संरक्षित जमीनों को अवैध कब्जे से मुक्त रखने के सुप्रीम कोर्ट के तमाम दिशा निर्देशों तथा सरकार द्वारा की जा रही बुलडोजर कार्रवाइयों के बावजूद भू माफिया अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। अपने जोड़-तोड़ व सरकारी मशीनरी में पहुंच के दम पर अवैध कब्जे को बरकरार रखने में सफल हो रहे हैं। पड़ताल में सरकारी कर्मचारियों की कृपादृष्टि प्राप्त कर चुके ऐसे दो मामले सामने आए हैं जिनकी पैमाइश राजस्व विभाग द्वारा की जा चुकी है लेकिन पैमाइश के लगभग 6 महीने बीत जाने के बावजूद प्रशासन द्वारा उनको कब्जा मुक्त करवाने की जहमत तक नहीं उठाई गई। पहला मामला जलालपुर कस्बे के मध्य मठिया मंदिर रोड पर स्थित तालाब पर चारों ओर मकान बनाकर तथा गेट लगाकर आम जनमानस की पहुंच से दूर करते हुए निर्मल वाटिका बनाकर उसे पर कब्जा करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। इस दौरान जब तक स्थानीय निवासियों द्वारा विरोध किया गया तब तक सरकारी कर्मचारियों की शह पर रातों-रात दीवाल खड़ी करने का काम किया गया था जिसका वीडिओ भी उपलब्ध कराया गया। उस समय खबर प्रकाशित करने पर राजस्व विभाग द्वारा इसकी पैमाइश तो गई थी किंतु लगातार चल रहे हैं और निर्माण पर कोई रोक नहीं लगाई गई। इसी प्रकार रन्नू खां का पूरा स्थित पुरउव्वा तालाब भी अवैध अतिक्रमण की चपेट में आ गया है। 1001 गाटा संख्या में स्थित लगभग साढ़े पांच बीघे के इस तालाब का स्वरूप बदल कर अवैध रूप से खतौनी में दर्ज कराये जाने का मामला सामने आया है। लगभग 6 महीने पूर्व राजस्व विभाग द्वारा की गई पैमाइश में उक्त बातों का खुलासा हुआ था किंतु अवैध कब्जेदारों के कब्जों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इस संबंध में सभासद प्रतिनिधि दिलीप यादव उच्च साधु ने बताया कि इस मामले को लगातार सक्षम अधिकारियों के समक्ष उठाया जा रहा है। किंतु अभी तक उक्त तालाब को कब्जा मुक्त कराए जाने का इंतजार किया जा रहा है।