Ayodhya

टांडा की मिस्बाह का पहला रोजा, छोटी प्रतिबद्धता, बड़ी जीत

 

टांडा,अम्बेडकर। टांडा के मीरानपुरा स्थित एम. मोरल पब्लिक स्कूल की छात्रा सरफराज अहमद अंसारी की 9 वर्षीय बेटी मिस्बाह फातिमा ने शुक्रवार को अपने जीवन का पहला रोजा रखकर एक अद्भुत मिसाल कायम की है। इस नन्हीं बच्ची ने न केवल अपनी धार्मिक भावना को साबित किया बल्कि अपने परिवार और स्थानीय लोगों का दिल भी जीत लिया। मिस्बाह फातिमा ने सुबह सवेरे के समय से लेकर सूर्यास्त तक दृढ़ निश्चय और साहस के साथ रोजा रखा और अल्लाह की रजा के लिए इसे पूरा किया। उनकी मां के अनुसार मिस्बाह ने रोजा से पहले अपने नन्हें नन्हें हाथों से तैयारी की और अपने रब से दुआ की कि वह उन्हें यह खूबसूरत इबादत नसीब करे। वहीं पिता सरफराज अहमद ने बताया कि मिस्बाह ने कई दिन पहले से ही रोजे की तैयारी शुरू कर दी थी और उसने खुद से कहा था कि वह रमजान का पहला रोजा जरूर रखेगी। इफ्तार के वक्त जब छोटी बच्ची मिस्बाह ने हाथों से खजूर उठाकर रोजा खोला तो उसका चेहरा खुशी और संतुष्टि से चमक उठा इस मौके पर उनके पूरे परिवार ने उनका हौसला बढ़ाया और पास-पड़ोस के लोगों ने भी उनकी तारीफ में जमीन-आसमान एक कर दिया। मिस्बाह का कहना है कि पहला रोजा रखना उनके लिए एक यादगार पल है और वह आगे भी रमजान के सभी रोजे रखने की कोशिश करेंगी। उनकी यह छोटी सी उपलब्धि बड़े दृढ़ संकल्प को दर्शाती है और अन्य बच्चों के लिए एक ज्वलंत उदाहरण है। मिस्बाह की कहानी सुनकर हर कोई उनकी हिम्मत और समर्पण की तारीफ कर रहा है।

पूरी खबर देखें

संबंधित खबरें

error: Content is protected !!