जिला मुख्यालय का प्राइवेट एमकेडी हॉस्पिटल फिर आया चर्चा में
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कूड़ादान में मिला नवजात शिशु का शव,पालिका अकबरपुर के कर्मचारी रह गये सन्न,स्थानीय लोगों में मचा हड़कम्प
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हॉस्पिटल स्थापना से लेकर अब तक कई मरीजों के इलाज में लापरवाही से हालात बिगड़ने के आ चुके हैं मामले
अम्बेडकरनगर। एक तरफ जहां शासन द्वारा भू्रण हत्या पर अंकुश लगाने के लिए प्रचार-प्रसार में भारी-भरकम धनराशि व्यय की जा रही है और प्राइवेट हास्पिटलों व पैथोलाजी सेन्टरां को जांच न करने का निर्देश है वहीं जिले में आये दिन इस तरह की घटनाएं सामने आ रही है। ऐसे मामलों में भले ही तत्काल प्रशासनिक स्तर पर कार्यवाही हो जाती है किन्तु बाद में फिर दोषियों को क्लीन चिट मिल जाया कर रही है। इसका नतीजा यह है कि ऐसे लोगों का हौंसला बुलन्द है। इसकी नजीर के लिए जिला मुख्यालय टाण्डा रोड स्थित एमकेडी हॉस्पिटल काफी है।
ज्ञात हो कि भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के लिए शासन स्तर से जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी के साथ प्रशासन को फरमान आये दिन जारी हो रहा है। इन सबके बावजूद कहीं अंकुश नहीं लग पा रहा है। इसका मुख्य कारण प्राइवेट हॉस्पिटलों पर स्वास्थ्य विभाग की कृपा बरसना अहम कारण बताया जा रहा है। जिले के प्राइवेट हॉस्पिटलों को लिया जाए तो अधिकांश में पैथोलाजी सेन्टरों की जांच पर गर्भपात का कारोबार फल-फूल रहा है। ऐसे मामलों में सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा शिकायतें भी होती है, जांच में दोषी भी पाये जाते हैं। विभाग द्वारा कुछ समय के लिए दोषी अस्पतालों पर कार्यवाही भी होती है किन्तु बाद में उन्हें क्लीन चिट आमबात हो गयी है। नजीर के तौर पर लिया जाए तो टाण्डा रोड पर स्थित एमकेडी हॉस्पिटल जहां संचालन से अब तक में दर्जनों मरीजों के इलाज में लापरवाही व गर्भपात को अंजाम दिया गया है। कई बार अस्पताल पर हंगामा तक हुआ है लेकिन बाल-बांका नहीं हो सका है। यहां तक कि मनबढ़ संचालक द्वारा सूबे के स्वास्थ्य मंत्री को भी गाली दी गयी है। इस हास्पिटल में गत दिवस एक नया मामला सामने उस समय आया जब कूड़ा कचरा उठाने के लिए नगर पालिका परिषद अकबरपुर का वाहन और कर्मचारी वहां पहुंचे तो कूड़ेदान में पड़ा मृत नवजात शिशु दिखायी पड़ा जिसे देखते ही कर्मचारी सन्न रह गये। देखते ही देखते वहां मजमा लग गया। इस मामले की सोशल मीडिया पर एक वीडीयो व फोटो वायरल हो रही है जहां कूड़ादान एमकेडी हास्पिटल के पास रखा है जिससे यह कहा जा सकता है कि जिस मृत नवजात शिशु का शव मिला है वह कहीं न कहीं हास्पिटल से ही जुड़ा मामला संभव है। मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी से उनका पक्ष जानने के लिए सीयूजी पर कई बार सम्पर्क किया गया किन्तु कभी नाट रिचेबुल तो कभी स्विच आफ बताने से वार्ता नहीं हो पायी। फिर हाल इसे लेकर जनमानस में चर्चा जोरों पर है कि एमकेडी हास्पिटल का संचालक गहरी पैठ वाला है। इसमें किसी अधिकारी द्वारा कोई ठोस कदम की उम्मीद करना बेमानी है।