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जिला पंचायत में करोड़ों के टेण्डर प्रक्रिया में धांधली को शासन ने लिया संज्ञान, निरस्त

 

अम्बेडकरनगर। जिला पंचायत द्वारा विकास कार्यों में घपला घोटाला दशकों से चला आ रहा है जिसके लिए अधिकारी शासन की नीतियों को दर किनार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते है जिसका मुख्य कारण निजी स्वार्थ बताया जा रहा है ऐसे ही मामले को शासन ने संज्ञान लेते हुए करोड़ों के टेण्डर को एक सिरे से निरस्त कर दिया। इसके बाद हड़कम्प मचा हुआ है। ज्ञात हो कि जिला पंचायत द्वारा मार्गों के निर्माण से लेकर मरम्मत आदि कार्य के लिए टेण्डर कराये जाते है। इस टेण्डर में घपला घोटाला अर्शे से चला आ रहा है। कभी टेण्डर के अनुरूप निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की अनदेखी तो कहीं जितने दूरी का टेण्डर कराये जाते हैं उसके सापेक्ष कम का कार्य कराकर धन आहरित किया जाना,उसी तरीके मरम्मत में भी मानकों की अनदेखी आमबात है। इसी तरीके 2024-25 में 21 करोड़ 89 लाख 15 हजार रूपये का टेण्डर आमंत्रित किया गया। इस टेण्डर को पाने के लिए ठेकेदारों द्वारा आनलाइन आवेदन किये गये किन्त ु इस टेण्डर को शिकायत के बाद शासन ने गंभीरता से लेते हुए जांच कराया तो मामले में विभाग द्वारा स्टीमेट बनाने में धांधली सहित अन्य प्रक्रिया में गड़बड़ी पायी गयी। इसे देखते हुए उक्त टेण्डर निरस्त कर दिया गया। फिर विभाग के अधिकारी द्वारा समाचार पत्रों में निविदा प्रकाशित करायी गयी है। इसके बावजूद अभी भी ठेकेदारों में यह शंशय बना है कि कहीं न कहीं टेण्डर प्रक्रिया में धांधली करायी जायेगी जिसका मुख्य कारण निजी स्वार्थ अर्थात् जिम्मेदारों की कमीशन खोरी व उनका भ्रष्टाचार अहम होगा।

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