जमीन हद बरारी में अदालत के आदेश को धता बताने के प्रकरण में लेखपाल को डीएम ने लगाई फटकार
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तहसील जलालपुर क्षेत्र के रामपुर दुबे की रहने वाली सालों से भटक रही पीड़िता की शिकायत पर मामला गरमाया
अम्बेडकरनगर। विपक्षी शिक्षक के धन बल के आगे लेखपाल और राजस्व निरीक्षक नतमस्तक हो गए हैं। वर्षों पहले हजारों रुपए खर्च किया गया हद बरारी का दावा और सात माह पहले अदालत के पत्थर नसब के आदेश को विभागीय कर्मी हवा में उड़ा दिये। उक्त आशय की जलालपुर तहसील सभागार में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में पधारे जिलाधिकारी अविनाश सिंह से शिकायत करते हुए विधवा बिलख कर रोने लगी। बिफरे जिलाधिकारी ने लेखपाल को तलब कर जहां तत्काल पत्थर नसब वहीं थानाध्यक्ष को बुलाकर विपक्षी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही का आदेश दिया। प्रकरण जलालपुर तहसील के रामपुर दुबे निवासिनी विधवा रमता पत्नी स्व. ओमप्रकाश का है। गौरतलब हो कि रामपुर दुबे निवासिनी विधवा रमता की खतौनी की जमीन को विपक्षी शिक्षक उमेश पुत्र निकऊ ने जबरिया कब्जा कर लिया है। विधवा अपनी खतौनी की जमीन से अवैध कब्जा हटवाने के लिए वर्षों पहले उपजिलाधिकारी मजिस्ट्रेट अदालत में हद बरारी का वाद दायर किया था। लगभग सात माह पहले उपजिलाधिकारी मजिस्ट्रेट अदालत ने प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद पत्थर नसब कर विधवा को उसकी जमीन पर कब्जा कराने का आदेश दिया था। सात माह से विधवा रमता राजस्व कर्मियों का चक्कर लगा रही है किंतु उसकी सुनवाई नहीं की जा रही है। इस दौरान विधवा ने आधा दर्जन से अधिक बार संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायत दर्ज करा चुकी है। इतना ही नहीं दो बार जिलाधिकारी को अपना दुखड़ा सुना चुकी है। किन्तु लेखपाल रविकांत तिवारी और राजस्व निरीक्षक की जोड़ी शिक्षक के रसूख और धन बल के आगे नतमस्तक हो चुके है। माह के तीसरे सप्ताह शनिवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में विधवा रमता ने जिलाधिकारी को अपना दुखड़ा सुनाते फफक कर रोने लगी। अब देखना यह होगा कि जिलाधिकारी के आदेश का पालन लेखपाल रविकांत तिवारी और राजस्व निरीक्षक करेंगे अथवा कोई अन्य अड़ंगा लगा उसे परेशान करेंगे। यह तो समय बताएगा। यह पहला मामला नहीं है ऐसे सैकड़ों मामले में वादी तहसील से लेकर उच्चाधिकारियों का चक्कर लगा रहे हैं किंतु उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है।