जमीन पैमाइश के दौरान जब दरोगा नागेन्द्र सिंह बने गये लेखपाल,विरोध पर पत्रकार को धमकाया
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दरोगा की तानाशाही से हल्का क्षेत्र के भूमि विवाद मामले सुलझने के बजाय उलझना हो गयी है आमबात
अम्बेडकरनगर। थाना अकबरपुर के दरोगा की तानाशाही पीड़ितों पर भारी पड़ रही है जिनके द्वारा जमीनी मामले हो अथवा अन्य सभी में मनमानी किये जाने से विवाद सुलझने के बजाय उलझना आमबात हो गयी है। किसी के विरोध करने पर उसे धमकी देना इनकी आदत में शुमार है। जानकारी के अनुसार उक्त थाना के हल्का नं.-4 में नागेन्द्र प्रताप सिंह दरोगा तैनात हैं। इस हल्का क्षेत्र के जो मामले चाहे व जमीनी व अथवा किसी अन्य समस्या से जुड़े हों इसे लेकर जब उनसे न्याय की आस में पीड़ित पहुंचते हैं तो उन्हें अपनी मंशानुरूप कहलवाने के लिए हर हथकण्डे अपनाया जा रहा है। बताया जाता है कि इसके पीछे उनका भ्रष्टाचार अहम कारण है। ऐसा ही मामला बनगांव डिहवा का सामने आया है जहां किसी भूखण्ड की पैमाइश होनी थी। सम्बंधित गाटे पर राजस्व कर्मियों के साथ दरोगा नागेन्द्र प्रताप सिंह पुलिस कर्मियों को लेकर जब पहुंचे तो वहां उनके द्वारा स्वयं फीता पकड़कर जबरिया माप कराया जाने लगा। जब कि जमीनी विवाद के मामले में पुलिस को महज शांति व्यवस्था कायम रखने की जिम्मेदारी है लेकिन यहां वे अपनी तानाशाही के चलते माप कराने लगे। इसका विरोध जब वहां मौजूद एक पत्रकार ने किया तो उसे यहां तक धमकी दे डाले कि ज्यादा दिमांग लगाओगे तो फर्जी मुकदमें में जेल भेज देंगे। दरोगा की इस तानाशाही से मामला जस का तस रह गया। यह तो एक बानगी है। इसके अलावा क्षेत्र से जो भी मामले आ रहे हैं, दरोगा नागेन्द्र प्रताप सिंह की तानाशाही से किसी को न्याय नहीं मिल रहा है बल्कि विवाद और गहराते ही जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इसके पहले भी जहां नागेन्द्र प्रताप सिंह तैनात रहे भ्रष्टाचार और तानाशाही में सुर्खियों में रहे हैं। (अगले अंक में पढ़िये इनके काले कारनामें)।