Ayodhya

जमीनों पर अवैध कब्जा के मामले में राजस्व और पुलिस की मनमानी पीड़ितों के लिए हैरानी

  • जलालपुर तहसील क्षेत्र में शिकायत लिए चक्कर लगा रहे फरियादी,सुनवाई नहीं कर रहे जिम्मेदार 

जलालपुर। अम्बेडकरनगर। राजस्व और पुलिस की लापरवाही जनहित पर भारी है। आम रास्ता को बंद कर दिया जा रहा है खतौनी आदि की जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा है किंतु शिकायत के बाद अधिकारी विभिन्न प्रकार के नियम कानून का उदाहरण पेश कर अपना पिंड छुड़ा रहे है। ऐसे ही कई मामले तहसील क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। ताजा प्रकरण जलालपुर तहसील के चार अलग-अलग ग्राम पंचायतों का है जहां के निवासी और ग्राम प्रधान बंद आम रास्ते को खुलवाने और खतौनी की जमीन पर कब्जा लगाने की गुहार लगा रहे हैं। शिकायत पर राजस्व टीम मौके पर जांच तक ही सीमित रहती है किंतु अतिक्रमण हटाने की हिम्मत नहीं जुटा पाती।
केस-1
जलालपुर ब्लॉक के रामपुर दुबे गांव में दलित आबादी के बीच से दो दशक पहले ग्राम पंचायत निधि से खड़ंजा मार्ग का निर्माण किया गया था। इसी के बगल के विष्णु नामक व्यक्ति पहले रास्ते में लगे ईट को उखाड़ कर रख लिया। बाद में आम रास्ते पर ईट रखकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया। प्रधान प्रतिनिधि राजेंद्र प्रसाद ने इसकी शिकायत उपजिलाधिकारी से कई बार किया। पंचायत मद से खड़ंजा मार्ग के निर्माण का प्रस्ताव कराया किन्तु अवैध ईंट हटवाने में विफल रही। प्रधान प्रतिनिधि आदेश के लिए तहसील का चक्कर लगा रहे है।
केस-2
इसी ब्लॉक के ग्राम पंचायत आजनपारा में ग्राम प्रधान राधेश्याम यादव नापित के मजरे में ग्रामीणों के बेहतर आवागमन के लिए खड़ंजा मार्ग का निर्माण करवा रहे हैं। किंतु दो लोगों ने इसी मार्ग पर झाड़ झंकाड़ बांस आदि रखकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया। वर्तमान ग्राम प्रधान ब्लॉक संघ के अध्यक्ष हैं। बीते सप्ताह से तहसील और थाने का चक्कर लगा रहे हैं किंतु सुनवाई नहीं हुई।
केस-3
उसरहा डिहवा निवासी मेवालाल अवधेश और शोभावती समेत अन्य दर्जनों परिवारों के आवागम का रास्ता आबादी से होकर जाता है। किन्तु दबंग सुनील कुमार रामदयाल आदि ने जबरिया उक्त रास्ते पर दीवार खड़ा कर टीन शेड से रख लिया। आम रास्ते पर दीवाल बन जाने से इनलोगों के आने जाने का संकट उत्पन्न हो गया। परिवार मेड से होकर आवागमन कर रहे है। शिकायत पर राजस्व टीम पुलिस कई बार गई किन्तु रास्ता खुलवाने में नाकाम रही।
केस-4
कांदीपुर गांव निवासी दयाल अपनी अविवाहित बहन नीलम के साथ रोजी रोटी के लिए मुंबई रहता है। यहां उन्होंने घर आदि के देखभाल के लिए बुवा को रख लिया। पिता के मृत्यु के बाद खतौनी की जमीन दयाल और नीलम के नाम दर्ज है। किन्तु बुवा खेत की जुताई बुवाई करने से रोक रही है। जिस घर में उक्त दोनों रहते थे बुवा अपना प्रधानमंत्री आवास बता बीते दिवस निकाल दिया। पीड़ित खतौनी धारक अपनी बहन को लेकर जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक आदि से गुहार लगाई किन्तु जमीनी स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। भाई बहन थाना तहसील का चक्कर लगा रहा है। शिकायतों के निस्तारण का प्रयास किया जा रहा है। नायब तहसीलदार तहसीलदार के साथ खुद मौके पर जाकर मामला देख रहा हूं। उक्त सभी मामले एक सप्ताह में निस्तारित हो जाएंगे। पवन जायसवाल उपजिलाधिकारी जलालपुर।

पूरी खबर देखें

संबंधित खबरें

error: Content is protected !!