Ayodhya

जमीनों के नियम विरूद्ध बैनामा में चर्चित हो चुका है उपनिबंधक कार्यालय अकबरपुर

  • इस काले कारनामें में रजिस्ट्रार,बाबू और भूमाफियाओं की मिलीभगत को लेकर चर्चा

  • नियम विरूद्ध बैनामों में राजस्व छति के बावजूद जिम्मेदारों के सिर में नहीं रेंग रहा जूं

अम्बेडकरनगर। सूबे के मुख्यमंत्री द्वारा भ्रष्टाचार रोकने व भूमाफियाओं के विरूद्ध भले ही अभियान चलाया जा रहा है किन्तु रजिस्ट्री दफ्तर अकबरपुर में जिस तरह से नियम विरूद्ध बैनामों का खेल चल रहा है। इससे साबित होता है कि इसमें लिप्त भूमाफिया समेत रजिस्ट्रार व बाबू सभी चुनौती देने में पूरी तरह से जुट गये हैं। इन सभी के द्वारा जमीनों के बैनामा में निजी स्वार्थ के चलते नवइयत बदलना आम बात हो गयी है। नजीर के लिए सदर तहसील अन्तर्गत गोविन्द गनेशपुर स्थित पिछले जनवरी माह का बैनामा काफी है।
ज्ञात हो कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने व भूमाफियाओं के विरूद्ध आये दिन शिकायतों पर कार्यवाही के निर्देश दिये जा रहे है। जांच के उपरान्त जिन्हें दोषी पाया जा रहा है वे कार्यवाही का शिकार भी हो रहे हैं। इन सबके बावजूद उपनिबंधक कार्यालय अकबरपुर नियम विरूद्ध जमीनों के बैनामा में मीडिया की सुर्खियों में है किन्तु जिम्मेदार अधिकारियों के सिर में जूं नहीं रेंग रहा है। ऐसे मामले में रजिस्ट्रार  और उनके बाबू पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। लोगों का कहना है कि उक्त सभी भूमाफियाओं के चंगुल में हैं। इसीलिए जब जमीनों के बैनामा आते हैं तो भूमाफियाओं की मंशानुरूप नवइयत बदलना आमबात हो गयी है। छः माह में हुए रजिस्ट्री दफ्तर से बैनामों का रिकार्ड उठाकर देख लिया जाए तो अधिकांश में स्टाम्प चोरी की गयी है। ऐसी दशा में जहां राजस्व को छति पहुंचाया गया है वहीं क्रेताओं से सौदेबाजी कर मोटी रकम की वसूली भी हुई है। नजीर के तौर पर लिया जाए तो सदर तहसील क्षेत्र के गोविन्द गनेशपुर स्थित गाटा संख्या- 21 का बैनामा रजिस्ट्रार द्वारा 17 अगस्त 2024 को आवासीय (अकृषक) दिखाकर किया गया और फिर इसी जमीन की 7 जनवरी 2025 में फिर कृषि के लिए रजिस्ट्री की गयी है। यह तो एक बानगी है। इस तरह का खेल आये दिन चल रहा है जिसे लेकर पुराने तहसील में संचालित रजिस्ट्री दफ्तर के इर्द-गिर्द की दुकानों पर भी चर्चा जोरों पर रहती है। लोगों का कहना है कि जमीन किसी भी तरह की हो बस उपनिबंधक कार्यालय के बाबू बीडी सिंह से सम्पर्क कर लीजिए सस्ते दर पर बैनामा हो जायेगा। लोगों का यह भी कहना है कि भूमाफियाओं पर उक्त बाबू मेहरबान है जिनके द्वारा क्रेताओं से सौदा करके स्वयं व रजिस्ट्रार को अवैध कमाई कराया जा रहा है। ऐसी दशा में कहा जा सकता है कि भूमाफिया,बाबू और रजिस्ट्रार सभी मुख्यमंत्री के फरमान को चुनौती देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उक्त मामले को एडीएम डॉ. सदानंद गुप्त के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने कहा कि मामला गंभीर है जांच करायी जायेगी और दोषी पाये जाने पर सम्बंधित के खिलाफ कार्यवाही भी होगी,सरकार की मंशा के विपरीत कार्य कतई बर्दाश्त नहीं है। (इससे जुड़ी खबर अगले अंक में)

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