जमीनी विवादों में डीजीपी का आदेश बेअसर, जबरिया निर्माण कार्यों को रोकवाने में जुटी पुलिस

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इस मनमानी से परेशान फरियादी थानों और तहसील का चक्कर लगाने को मजबूर
अंबेडकरनगर। पुलिस प्रमुख के सख्त आदेश निर्देश के बाद पुलिस जमीनी विवाद में जबरिया दखलंदाजी कर निर्माण कार्य रोक देती है। पीड़ित तहसील से लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों की चौखट नाप रहा है किंतु उसकी सुनवाई नहीं हो रही है।आबादी के विवाद में जहां तहसील प्रशासन सिविल न्यायालय वही खतौनी के विवाद में मुकदमा दायर करने की सलाह देकर अपना पिंड छुड़ा रहा है। घर निर्माण में जुटे पीड़ितो का स्टेरिंग मजदूरी सीमेंट समेत अन्य समानों का नुकसान हो रहा है इसके वावजूद जिम्मेदार आनाकानी कर अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिए है। ऐसा ही कई मामला जलालपुर तहसील में देखने को मिला जहां पुलिस की मनमानी जनहित पर भारी है।
केस-1
मालीपुर थाना के रुकूनपुर निवासी मुन्नीलाल गौड़ पिछले वर्ष प्रधानमंत्री आवास का निर्माण किया था। अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में वह आवास से मिट्टी पटाई का काम शुरू किया।विपक्षी 112 डायल को बुलाया। 112डायल पर तैनात पुलिस कर्मियों ने काम रोक दिया और दूसरे दिन थाना बुलाया। मुन्नीलाल अपने सभी कागजात लेकर पुलिस के समक्ष पेश हुआ।सभी कागजात दिखाए किंतु पुलिस ने काम करने की इजाजत देने के बजाय राजस्व विभाग के पास भेज दिया। मजदूर मुन्नीलाल अपनी मजदूरी छोड़ अब चक्कर लगाने को विवश है।
केस-2
मालीपुर थाना के खालिसपुर गांव निवासी विनोद यादव का घर पुरानी बाउंड्रीवाल से सुरक्षित है। विनोद अपने पशुओं और भूसा लकड़ी आदि को सुरक्षित रखने के लिए टीन शेड का निर्माण शुरू किया किंतु विपक्षी मालीपुर पुलिस को बुलाकर कार्य रुकवा दिया और कहा कि तहसील से निर्माण का ऑर्डर लेकर आओ। बीते माह 27 मार्च को विनोद ने तहसीलदार को शिकायती पत्र दिया। तहसीलदार ने राजस्व निरीक्षक और हल्का लेखपाल से एक सप्ताह में आख्या मांगी।एक सप्ताह क्या दो सप्ताह होने को है राजस्व टीम मौके पर जाने को तैयार नहीं है। पीड़ित अपने ही बाउंड्रीवाल के अंदर निर्माण से वंचित है।
केस-3
मालीपुर थाना के कुलहिया पट्टी गांव निवासी सुरेश शर्मा अपने पुराने घर को गिराकर बीते चार माह से घर का निर्माण करा रहे है।एक सप्ताह से स्टेरिंग का काम शुरू है।इस चार माह में विपक्षी ने कोई वाद विवाद अथवा शिकायती पत्र नहीं दिया। सोमवार को 112डायल पुलिस बुलाकर घर निर्माण कार्य को रुकवा दिया। पीड़ित ने उपजिलाधिकारी जलालपुर को पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई। उपजिलाधिकारी ने नायब तहसीलदार को जांच का आदेश दिया। नायब तहसीलदार अमरनाथ दुबे बीते बुधवार तक जांच को तैयार भी थे। गुरुवार को उन्होंने आबादी की बात कह जांच से इनकार कर दिया। यह हाल तब है जब पुराने घर पर निर्माण किया जा रहा है और इस आबादी की जमीन का घरौनी भी बना हुआ है। दोनों पक्षों को बुलाकर समझौता का प्रयास किया जाता है।
आबादी विवाद में राजस्व को कोई अधिकार नहीं-पद्मेश
उक्त के संबंध में तहसीलदार पढ़ने श्रीवास्तव ने बताया कि आबादी के विवाद में राजस्व को अधिकार नहीं है, भले ही घरौनी का निर्माण हुआ हो। खतौनी की जमीन की पैमाईश तभी की जा सकती है जब सभी पक्ष सहमत हो।दोनों दशा में तहसील प्रशासन के हाथ बंधे हुए हैं।
यह बोले अपर पुलिस अधीक्षक श्याम देव
मामले में अपर पुलिस अधीक्षक श्याम देव ने बताया कि जमीनी विवाद में पुलिस को कार्य रोकने का आदेश नहीं है। राजस्व विभाग के साथ ही पुलिस को शांति सुरक्षा के लिए मौजूद रहने का आदेश दिया गया है। इसके वावजूद वे कुछ करते है इसकी सीओ से जांच कराई जा रही है।