Ayodhya

एसडीओ विद्युत कटेहरी के बिगड़े बोल, एक्सियन के आदेश पत्र का कोई मायना नहीं

 

अंबेडकरनगर। शासन स्तर से लगातार अधिकारियों को शिकायतकर्ताओं से मधुर संवाद स्थापित करने के निर्देश दिए जाते हैं लेकिन उसके बावजूद भी एसडीओ कटेहरी जैसे गैर जिम्मेदार अधिकारी प्रत्येक विभाग में शासन सत्ता की किरकिरी कराने के लिए देखने को मिल ही जाते है। एसडीओ कटेहरी के क्षेत्र अंतर्गत आने वाले उपभोक्ताओं का शोषण किस प्रकार से हो रहा है? यह आपको एसडीओ के ऑफिस के बाहर असंतुष्ट होकर निकल रहे उपभोक्ता ही बता सकते हैं।

अधिशासी अभियंता के आदेश का भी नहीं हो रहा पालन

एसडीओ कटेहरी अपने आप को अधिशासी अभियंता से भी ऊपर मानने लगे हैं, यही कारण है कि अपने उच्च अधिकारी द्वारा मार्क किया गया प्रार्थना पत्र लेने से उन्होंने इनकार कर दिया। इतना ही नहीं जिस प्रकार से एसडीओ द्वारा बिल को संशोधित करने के नाम पर लोगों का शोषण किया जा रहा है, वह भी दिखाता है कि इनको अपने उच्च अधिकारियों का डर नहीं है।

ओटीएस का लाभ लेने के लिए हलाकान दिखे उपभोक्ता

एसडीओ कटेहरी के क्षेत्र अंतर्गत आने वाले उपभोक्ता एक मुश्त समाधान का लाभ लेने के लिए परेशान दिखे जिनकी परेशानी का कारण एसडीओ कटेहरी की कार्यशैली रही। अपनी कार्य शिथिलता और मनमानी के चलते एसडीओ कटेहरी उपभोक्ताओं के साथ विभाग का भी नुकसान करा रहे हैं। एसडीओ के कार्यालय के बाहर कुछ उपभोक्ता ऐसे भी दिखें जो पिछले तीन से चार बार साहब का चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक उनके समस्याओं का समाधान नहीं हुआ।

उपभोक्ताओं के समूह ने एसडीओ पर लगाए आरोप

बिगड़ैल एसडीओ के कार्यालय के बाहर खड़े भीड़ के एक समूह ने यहां तक कह दिया कि यदि अभी किसी दलाल के माध्यम से साहब को अंडर टेबल गांधीजी ऑफर कर दिए जाते तो निश्चित तौर पर बिना कार्यालय का चक्कर लगाए घर बैठे उनके काम हो जाते। अब इसमें कितनी सच्चाई है यह तो साहब और उनका विभाग ही बता सकता है।

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