Ayodhya

एंटी भूमाफिया पोर्टल की शिकायतों में लेखपालों की मनगढ़ंत रिर्पोट से पीड़ितों को न्याय में बाधा

  • तहसील जलालपुर क्षेत्र में लेखपालों का इन दिनों चल रहा है इस तरह का खेल

जलालपुर,अंबेडकरनगर। एंटी भूमाफिया पोर्टल आदि पर दर्ज की जा शिकायतां के निस्तारण के बजाय फर्जी और मनगढ़ंत आख्या लगाई जा रही है। फर्जी और मनगढ़ंत आख्या देख शिकायतकर्ता हैरान हैं। इतना ही नहीं आख्या में आवेदक और गवाहों के फर्जी हस्ताक्षर भी स्वयं अथवा किसी अन्य लोग से कराए जा रहे है। फर्जी और मनगढ़ंत आख्या लगाए जाने से शासन की मंशा तार तार हो रही है जिसका असर अब चुनावी परिणामों में दिख रहा है।

यह हाल है जलालपुर तहसील के राजस्व विभाग का जिसमे हल्का लेखपाल बगैर स्थलीय जांच किए ही फर्जी आख्या लगाकर अपने अधीनस्थ अधिकारियों को गुमराह कर दिया।यह हम नहीं अपितु पोर्टल पर लगाई गई फर्जी आख्या और पीड़ित द्वारा उच्च अधिकारियों को भेजे गए शिकायती पत्र गवाही दे रहे है। फर्जी और मनगढ़ंत आख्या लगाए जाने के कुछ केस है जिनसे इनकी मंशा साफ देखी जा सकती है।

केस-1

सल्लाहपुर गांव निवासी शिव सागर शुक्ल ने एंटी भूमाफिया पोर्टल पर बीते 7 मई को शिकायत दर्ज करा कर अपने घर के सामने किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाने की अपील किया था। शिकायत दर्ज होने के बाद स्थलीय निरीक्षण को हल्का लेखपाल समेत अन्य कोई कर्मी गांव नही पहुंचा।1 जून को प्रकरण के निस्तारित होने का मोबाइल पर संदेश प्राप्त हुवा। पीड़ित ने जब पोर्टल पर आख्या देखी तो फर्जी और मनगढ़ंत आख्या देख कर उनके होश उड़ गए। आख्या में हल्का लेखपाल ने पीड़ित के साथ ही गवाहों के फर्जी हस्ताक्षर बना दिया है। पीड़ित शिव सागर शुक्ल ने बताया कि इसकी शिकायत मुख्यमंत्री समेत अन्य अधिकारियों से कर आख्या में दर्ज गवाहों के हस्ताक्षर प्रमाणित करने की मांग की जा रही है। आख्या लगाने से पहले किसी कर्मचारी और अधिकारी ने फोन भी नहीं किया।

केस-2

सल्लाहपुर गांव के ही रजनीश तिवारी की खतौनी बीबीपुर भूसौली गांव में है। इन्ही के खेत के बगल सरकारी नाली 181 है।इन्होंने 7 मई को एंटी भूमाफिया पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा कर सरकारी नाली से अवैध अतिक्रमण हटाने का निवेदन किया था। हल्का लेखपाल पैमाईश को नहीं गए किंतु 1 जून को नाली से अवैध अतिक्रमण हटाने की फर्जी और मनगढ़ंत आख्या लगा दिया। इतना ही नहीं आख्या में पीड़ित के साथ ही अन्य गवाहों का फर्जी हस्ताक्षर बना दिया। तहसील कार्यालय से फोन आने के बाद पीड़ित ने पैमाईश नही होने की बात बताई किंतु हल्का लेखपाल ने अपने अधिकारियों को गुमराह कर फर्जी आख्या फर्जी हस्ताक्षर से मामले को निस्तारित दिखा दिया। पीड़ित ने मुख्यमंत्री समेत अन्य अधिकारियों को शिकायती पत्र भेज आख्या में लगे हस्ताक्षर की जांच और फर्जी और मनगढ़ंत आख्या लगाने वाले लेखपाल के विरुद्ध कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।

पूरी खबर देखें

संबंधित खबरें

error: Content is protected !!