उजागर होने लगा है मालीपुर रेलवे स्टेशन के निर्माण कार्यों में ठेकेदार का भ्रष्टाचार
जलालपुर,अंबेडकरनगर। रेल यात्रियों को उच्च गुणवत्ता की सुविधा देने में कार्यदाई संस्था ही बाधक बन रही है। घटिया निर्माण के चलते जहां मुख्यसचस भवन की दिवाल दरक रही है, टाइल्स टूट और बैठ रही है वही आज भी आधा अधूरा निर्माण यात्रियों के साथ ही कर्मचारियों के लिए बेहतर यात्रा में बाधक बन गई है। यह हाल है मालीपुर रेलवे स्टेशन का जहां कार्यदाई संस्था की लापरवाही के चलते वर्ष भर पहले पूरा होने वाला कार्य आज भी लटक रहा है।जो कार्य हुआ भी है वह भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ रही है।यात्रियो को आधुनिक सुविधा और संसाधन उपलब्ध कराने के लिए अंग्रेजों के जमाने में निर्मित भवन को गिराकर नया भवन प्लेटफॉर्म आदि के निर्माण के लिए करोड़ों रूपये का टेंडर दिया गया। मालीपुर रेलवे स्टेशन पर जहां दो प्लेटफॉर्म पहले से बने थे वहीं बिना स्टॉप के गुजरने वाली ट्रेन के लिए मुख्य लाइन बनी थी। केंद्र सरकार ने रेलवे के कायाकल्प के लिए पुराने मुख्य भवन को गिराकर नया भवन के साथ ही दो मुख्य लाइन, तीन लूप लाइन और तीन नए आधुनिक प्लेटफॉर्म के निर्माण के लिए करोड़ों रूपये का निविदा दिया। कोरोना काल के पहले ही कार्यदाई संस्था ने पुराने मुख्य भवन के पीछे नवीन भवन निर्माण की कवायद शुरू की गई। दोयम दर्जे की ईंट समेत अन्य घटिया सामग्री से हो रहे निर्माण की शिकायत भी की गई किंतु अधिकारियों ने इसे दरकिनार कर दिया।मुख्य भवन की दीवाल स्टेशन अधीक्षक कक्ष के सामने दरक गई।इसी के आसपास लगी टाइल्स और सीमेंट टूट गई।इसी कक्ष के बगल निर्मित पाथ वे बैठ गया। ट्रेन संचालन कक्ष में लगे पैनल के नीचे टाइल्स कई बार बैठ गई जो घटिया निर्माण की गवाही दे रहा है।
मुख्य भवन से लेकर प्लेटफॉर्म पर नहीं है शौच की सुविधा
बाइट वर्ष पुराने भवन को गिराकर नए भवन को चालू कर दिया गया।भवन के पश्चिमी सिरे पर बुकिंग और आरक्षण काउंटर बीच में संचालन कक्ष और पूर्वी सिर्फ पर स्टेशन कक्ष बना दिया गया। यहां कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए शौचालय का निर्माण किया गया। कक्ष में टाइल्स लगाकर शीट आदि लग दिया गया। प्लेटफॉर्म पर अभी शौचालय का आधा अधूरा निर्माण किया गया है। शौचालय अधूरा होने के चलते ड्रेस पहनकर ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को शौच के लिए खुले में जाना पड़ता है। यही हाल प्लेटफार्मों का भी है।
आधा अधूरा प्लेटफॉर्म नंबर दो से आती जाती है अप और डाउन ट्रेनें
कार्यदाई संस्था ने पहले से निर्मित प्लेटफॉर्म को थोड़ा सा निर्मित कर दिया।इसी अकेले प्लेटफॉर्म से अप और डाउन गाड़ियों का संचालन किया जाता है।दो वर्ष बीत जाने के बाद यह प्लेटफॉर्म आज भी अधूरा है।इसी प्लेटफॉर्म के दूसरी तरफ प्लेटफॉर्म नंबर तीन का नभ निर्माण के साथ ही पांचवीं नई लाइन का निर्माण होना था। जो आज भी गतिमान है। प्लेटफॉर्म नंबर एक का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से आधे अधूरे प्लेटफॉर्म नंबर दो से अप और डाउन गाड़ियों का संचालन मजबूरी बन गया है। ट्रेनों का कासिंग नहीं होने से लेट होना स्वाभाविक है।