Ayodhya

अस्ताबाद के पशुशाला में अव्यवस्था से गोवंशों की मौत का नहीं थम रहा सिलसिला

  • अस्ताबाद के पशुशाला में अव्यवस्था से गोवंशों की मौत का नहीं थम रहा सिलसिला
  • प्रधान व सचिव पर ग्रामीणों ने लगाये धन के बंदरबांट का आरोप

अम्बेडकरनगर। विकास खण्ड जलालपुर के ग्राम सभा अस्ताबाद में स्थित गौशाला प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है। योगी सरकार भले ही गोशालाओं के सुचारू रूप से संचालन के लिए गंभीर हो, लेकिन जिम्मेदार लोगों की वजह से बेसहारा पशुओं की स्थिति काफी दयनीय है। बहुत सारे बेसहारा पशु क्षेत्र में इधर-उधर घूम रहे हैं, उनके खाने-पीने की कोई व्यवस्था ही नहीं है, वहीं जिम्मेदार लोगों द्वारा गौशाला में रह रहे पशुओं के समुचित देखभाल व खान-पान की व्यवस्था ठीक से नहीं की जा रही है। रविवार को अस्ताबाद गौशाला का नजारा चौकाने वाला रहा। यहां पल रहे लगभग 96 पशुओं की देखभाल के लिए जमाल, राजकुमार व अवधेश को केयरटेकर के रूप में रखा गया है। मौके पर जमाल तो उपस्थित रहे, लेकिन अन्य दोनों केयरटेकर ड्यूटी से नदारद रहे। गौशाला में पशुओं को घटिया दर्जे का भूसा खिलाया जा रहा है। लापरवाही के चलते यहां एक गाय अपने पैर की पीड़ा से व्याकुल दिखी तो आधा दर्जन से अधिक गोवंश बीमार मिले। जो चलने फिरने की स्थिति में भी असमर्थ हैं। केयरटेकर जमाल ने बताया कि यहां दो दिन पहले चार पशुओं की मौत हुई थी। बताया कि मृतक पशुओं को गुपचुप तरीके से दफना दिया जाता है। जिम्मेदार अधिकारी कागजों में सब कुछ ठीक-ठाक होने का दावा कर रहे हैं। जबकि यहां की जमीनी हकीकत उसके विपरीत है। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां के ग्राम प्रधान व सचिव धन के बंदरबांट में लगे रहते हैं। गौशाला का निर्माण ऐसी जगह कराया गया है जहां जल्दी किसी का पहुंचना ही मुश्किल है। ग्राम पंचायत अधिकारी कामिता यादव से जब इस संबंध में बात की गई तो वह कोई उचित जवाब नहीं दे सकी। और इतनी अनियमताओं के बाद जब खण्ड विकास अधिकारी रामविलास राम से बात की गई तो उन्होंने काफी गुस्से में कहा कि ‘‘अस्ताबाद गौशाला में सबकुछ ठीक है, वहां कोई कमी नहीं है, आप लोग केवल वहां तैनात महिला को ब्लैकमेल करने जाते हैं।

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