Ayodhya

अशरफपुर किछौछा में कूड़ा डंपिंग समस्याओं को लेकर डीएम ने किया निरीक्षण

  • कूड़ा डंपिंग निस्तारण के लिए 2018 में क्रय की गई थी भूमि

  • कूड़ा डंपिंग भूमिका प्रयोग न होने से साहब दिखे सख्त नाराज

  • 8 किलोमीटर दूरी पर कूड़ा डंपिंग,घनी आबादी, मार्ग के किनारे और विद्यालय भी है संचालित

  • निर्माण कार्यों में अनियमितता पाए जाने पर होगी कठोर कार्यवाही

अंबेडकरनगर। आखिरकार नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा के नगर वासियों के प्रति साहब ने अपनी संवेदना को व्यक्त ही किया और नजरे करम फरमाने आ ही गए। किछौछा नगरवासियों ने कहा साहब आते-आते बहुत देर कर दी।ष् फिर भी देर से ही सही साहब हम नगरवासियों की पीड़ा और संवेदनाओं को समझे तो सही। हमारे लिए तो यही बहुत है कि अब इस गंदगी और दुर्गंध युक्त वातावरण से निजात मिल जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा की समस्याओं को लेकर किछौछा नगर चेयरमैन ओमकार गुप्ता ने कई प्रयास किया किंतु हर प्रयासों में रूकावटें और विवादों का ही सामना करना पड़ा। यदि साहब ने त्वरित रूप से मामले को गंभीरता से लेते तो आज ऐसी नौबत ना आती किंतु ठीक है साहब को किछौछा नगर वासियों की याद तो आई और किछौछा से निकलने वाले कूड़ो के लिए उचित स्थान डंपिंग भूमि के लिए क्रय किए गए किछौछा से 8 किलोमीटर दूर स्थित जलालपुर तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत बनगवा फतेहपुर में पहुंचकर भौतिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान साहब ने पाया कि नगर पंचायत किछौछा से निकलने वाले कूड़े के डंपिंगध्निस्तारण हेतु वर्ष 2018 में क्रय की गई भूमि का प्रयोजनध्उपयोग अब तक नहीं होने के कारण नगर पंचायत किछौछा से निकलने वाले कूड़े के डंपिंग और निस्तारण की समस्याओं का बेहिसाब बोलबाला है जो कई बीते दिनों विवादों को जन्म दे चुका है। जिस समस्या के समाधान के लिए 8 वर्ष पहले भूमि क्रय किया गया उसका उपयोग आज तक न होने से साहब बहुत नाराज दिखे और उपजिलाधिकारी जलालपुर, तहसीलदार टांडा, अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा संबंधित ग्राम प्रधान सहित अन्य संबंधित अधिकारियों एवं ग्रामवासियों से चर्चा कर सत्यता को जानने को जाना और परीक्षण किया। पाया कि उक्त भूमि किछौछा नगर पंचायत से तकरीबन 8 किलोमीटर दूरी पर स्थित है एवं उसके पहुंच मार्ग के किनारे घनी आबादी है और कई विद्यालय भी संचालित हैं।साहब ने घनी आबादी और छात्रों के भविष्य एवं स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर की क्योंकि ऐसे स्थान पर कूड़ा डंपिंग करना किसी बड़े संकट से काम नहीं। होगा।यह सब देखने समझने और विचार करने के उपरांत साहब ने डंपिंग ग्राउंड भूमि की कार्यदारी एवं निर्माण कार्य की जांच कराने और अनियमित पाए जाने पर दोषी के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही साथ नगर पंचायत किछौछा से निकलने वाले कूड़े के निस्तारणध्डंपिंग ग्राउंड के वैकल्पिक व्यवस्था हेतु उचित स्थान पर ग्राम समाज अथवा निजी भूमि चयन कर नियमानुसार वहां पर कूड़े का निस्तारण सुनिश्चित किए जाने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।बताते चले कि 8 वर्ष पूर्व क्रय की गई कूड़ा डंपिंग ग्राउंड को लेकर बड़ा बवाल मचा हुआ था खूब उठक-पठक भी हुआ था बजट का तो लंबा खेल चला था कई महीनो तक यह मामला गर्माया हुआ था किंतु और ऐनकेन प्रकरणेन यह मामला कैसे किन हालातो में किसके प्रभाव में किसके संरक्षण में ठंडे बस्ती में चला गया इसका कुछ पता नहीं चल सकता। जिसको लेकर आज भी चर्चा का बाजार गर्म है क्योंकि यदि साफ सुथरा कार्य हुआ होता तो आज कूड़े को लेकर इतनी जटिल समस्या का सामना नगर वासियों को नहीं करना पड़ता और ना ही सफाई कर्मचारियों को इतनी जहमत उठानी पड़ती और नगर चेयरमैन को खुद हाथों में झाड़ू एवं फरूही लेकर ना निकालना पड़ता है। किछौछा का कूड़ा कांड पूरे जिले में बहुचर्चित ना होता किंतु होता किंतु कूडाउ कांड जैसी घटना आखिरकार घटित हो गई। अब तो डीएम साहब ने दस्तक दे ही दिया है तो उम्मीद की किरण भी जग गई है और 8 वर्ष पहले कर्य की गई इस भूमि का कच्चा चिट्ठा खुलेगा और खेल का पर्दाफाश होगा तो बड़ा खुलासा होगा क्योंकि जांच की प्रक्रिया गहन तो होगी ही और जब खुलासा होगा तो पैरों तले जमीन खिसक जाएगी क्योंकि भ्रष्टाचार के दलदल में डूबा हुआ है कूड़ा डंपिंग ग्राउंड। खुलेगी पूर्व अध्यक्ष की काले कारनामों की कलई। फिलहाल किछौछावासियों को ही नहीं वरन जनपदवासियों को भी इंतजार है।

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