Ayodhya

अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री की धूल से वन विभाग का उच्चीकृत पौधशाला नष्ट

 

टांडा ,अम्बेडकरनगर। टाण्डा रेलवे साइडिंग पर अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री के क्लिंकर के अनलोडिंग के समय उठ रहे भयंकर धूल से वनविभाग की उच्चीकृत पौधशाला चौपट हो गई है। वनविभाग द्वारा पौधशाला में कुल 94 हजार पौधे लगाए गए थे जिनमे से 10 हजार पौधे क्लिंकर की धूल पड़ने से नष्ट हो गये। पौधशाला से पानी निकासी के लिए बना हुआ नाला सीमेंट फैक्ट्री द्वारा बंद कर दिया गया है। प्रत्येक वर्ष बेहतर राजस्व देने वाली पौधशाला बर्बादी के कगार पर पहुंच गई है। क्लिंकर की भयंकर प्रदूषण से पर्यावरण को मजबूत बनाने के प्रयासो को करारा झटका लगा है क्लिंकर की लोडिंग व अनलोडिंग के समय तेज आवाज के साथ भयंकर धूल उड़ती है जिससे आसपास काफी देर तक अंधेरा छा जाता है। वनविभाग द्वारा सीमेंट फैक्ट्री को दो बार नोटिस भी दी गई लेकिन फैक्ट्री द्वारा क्लिंकर के प्रदूषण को रोकने के कोई जरूरी कदम नहीं उठाये गये है। क्षेत्र के कश्मीरिया के निकट टाण्डा रेलवे साइडिंग पर अस्सी के दशक में रेलवे से समझौते के तहत वनविभाग के द्वारा पौधशाला का निर्माण डेढ़ हेक्टेयर भूमि पर किया गया। नर्सरी में अशोक, मौलश्री, सिलवर ओक,गोलमोहर,अमल्यतास, शीसम ,अर्जुन, जामुन, यूकेलिप्टस समेत करीब 20 प्रजातियो के पौधे प्रतिवर्ष लगाये जाते है। क्षेत्र के एनटीपीसी के दक्षिण ग्राम पंचायत फत्तेपुर कन्हौड़ा में सीमेंट फैक्ट्री लगाई तो सीमेंट फैक्ट्री व रेलवे से समझौते के तहत टाण्डा रेलवे साइडिंग पर कच्चेमाल क्लिंकर के लिए डंपिंग यार्ड बना दिया गया। रेलवे के मालगाड़ी द्वारा प्रतिदिन क्लिंकर की खेप यहां आती है और अनलोडिंग के बाद वही क्लिंकर फिर ट्रकों पर लोड होकर फत्तेपुर कन्हौड़ा स्थित सीमेंट फैक्ट्री मे चली जाती है क्लिंकर के अनलोडिंग व लोडिंग के समय भयंकर आवाज के साथ धूल उड़ती है जिससे पूरे इलाके में अंधेरा छा जाता है जिससे कश्मीरिया चौराहे से टाण्डा ब्लाक तक धूल ही धूल दिखाई पड़ती है तथा इधर से गुजरने वाले राहगीरो को अत्यंत कठिनाई का सामना करना पड़ता है उन्हे मुंह पर रूमाल रखकर आना जाना पड़ता है क्लिंकर की इस धूल से वनविभाग की उच्चीकृत पौधशाला का अस्तित्व संकट मे पड़ गया है इस वर्ष पौधशाला मे कुल 94 हजार पौधे लगाए गये थे क्लिंकर की धूल पड़ने से 10 हजार पौधे नष्ट हो गये है रेलवे साइडिंग के ठीक बगल पौधशाला की देखभाल के लिए वनविभाग के माली के रहने के लिए आवास बना हुआ है जो कि सीमेंट फैक्ट्री के साइडिंग खुल जाने व क्लिंकर गिरने से जर्जर हो गई है जो कभी भी गिर सकती है ऐसे में कभी भी भयंकर दुर्घटना हो सकती है कई स्थानो पर साइडिंग खुली होने से क्लिंकर की धूल व गर्दा से आस-पास के लोगो के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। स्थानीय रामजीत, शिवनारायन, अब्दुल रज्जाक, देवीप्रसाद, शाहआलम आदि का कहना है कि प्रत्येक वर्ष अच्छी राजस्व देने वाली इस पौधशाला के पौधे कच्चे माल रूपी क्लिंकर की लोडिंग व अनलोडिंग के समय उड़ने वाली गर्दा व धूल से रोगग्रस्त होने लगे है जिससे राजस्व। वन क्षेत्राधिकारी टांडा रेंज आनंद ने बताया कि सीमेंट फैक्ट्री का कच्चा माल क्लिंकर को पौधशाला के पास लोडिंग व अनलोडिंग की जाती है जिससे पौधो की पत्तियों पर गर्द व धूल की मोटी परत जम जाती है। जिससे पौधे नष्ट हो रहे है इस बार करीब 10 हजार पौधे नष्ट हो गये है पौधशाला के बगल पानी निकासी के लिए बना नाला भी फैक्ट्री द्वारा बंद कर दिया गया है। क्लिंकर की गर्दा व धूल बन्द करने के लिए सीमेंट फैक्ट्री को दो बार नोटिस दिया गया है तथा मौखिक भी कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा है। इनकी मनमानी से पौधे नष्ट हो रहे है।

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