अरई के सरकारी जमीन में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, वायरल वीडियो में लगाए आरोप निराधार

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राजनीतिक दलों ने पार्टी का टेंपो हाई करने की मंशा से मामले को पकड़वाया तूल
अंबेडकरनगर। सरकारी जमीनों पर किए गए अवैध कब्जा को अदालती आदेश के बाद हटाना प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। राजनैतिक दलों के नेता अपनी पार्टी का टेंपो हाई करने और राजनैतिक पारी चमकाने का कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। विभिन्न प्रकार के गलत आरोप लगाकर जहां सरकार को बदनाम कर रहे है वहीं अधिकारियों कर्मचारियों की मंशा पर सवाल खड़ा कर भूमाफियों का साथ दे रहे है। जलालपुर तहसील के अरई गांव का एक ऐसा ही मामला शोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है। सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा जमाए भूमाफियों का महिमा मर्दन कर राजनैतिक दलों के नेता राजनैतिक लाभ के लिए अपनी खोई हुई जमीन पाने के लिए ऊलजुलूल वीडियो और फोटो तथा गलत श्लोगन लिखना शुरू कर दिए है।
यह है पूरा मामला
जलालपुर तहसील के अरई गांव में गांव निवासी राम मिलन यादव पुत्र लक्ष्मन ने सरकारी जमीन नवीन परती गाटा संख्या 888 का रकबा 0.0025 में से 0.0006 हेक्टेयर पर अवैध कब्जा कर झोपडी आदि डाल लिया था। इनके विरुद्ध तहसील अदालत में बाद संख्या 5304 दायर किया गया। नोटिस जारी होने के बाद हुई सुनवाई पर प्रकरण सत्य पाए जाने पर अदालत ने अवैध अतिक्रमण हटाने का आदेश 10 अक्टूबर 2024 को दिया। अवैध कब्जेदार को जमीन स्वतः खाली करने के लिए कई बार नोटिस जारी किया गया। इस दौरान भूमाफिया ने अवैध कब्जा स्वतः हटाने के बजाय 17 अक्टूबर 24 को वाद दायरा देकर पुनः सुनवाई की अपील किया। सुनवाई में उसका पक्ष सुना गया किन्तु साक्ष्य के अभाव में वाद दायरा निरस्त कर दिया गया। अतिक्रमण हटाने से पहले हल्का लेखपाल और राजस्व निरीक्षक ने अवैध कब्जेदार को समझा बुझाकर अवैध कब्जा हटाने की अपील भी किया किंतु वह नहीं माना। पूर्व निर्धारित समय के अनुसार जब राजस्व प्रशासन पुलिस बल के साथ अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर लेकर पहुंचा तो अवैध कब्जेदार इसका वीडियो बनाते हुए प्रशासन से भिड़ गया। भूमाफिया कार्यवाही रोकने के लिए झोपड़ी में आग लगा दी। प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए आग लगा कर आत्महत्या की धमकी देने लगा।मौके पर मौजूद प्रशासन और ग्रामीणों ने आग बुझाया और आरोपी को हिरासत में लेकर अवैध कब्जा ढहा दिया। जिस घर से छात्रा ने किताब निकाला वह घर आज भी है मौजूद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें एक बच्ची घर में घुसकर कापी किताब सीने से लगा कर निकलते हुए दिख रही है। इसी वीडियो को सपा अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ अन्य कई नेताओं ने एक्स और फेसबुक पर पोस्ट कर भाजपा सरकार और स्थानीय प्रशासन पर ऊलजुलूल कमेंट लिखा।जब इसकी पड़ताल की गई तो पता चला जिस कमरे से वह कापी किताब लेकर भाग रही है वह आज भी सुरक्षित है। वह कमरा सरकारी जमीन पर नहीं बना है और नहीं इसे गिराना था।
एसडीएम के सामने पुलिस ने की पिटाई
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कुछ लोगो ने एक वीडियो पोस्ट कर लिखा कि अवैध अतिक्रमण हटाने गई जलालपुर पुलिस ने उपजिलाधिकारी पवन जायसवाल आदि के सामने घर गिराने का विरोध कर रहे व्यक्ति की पिटाई किया। वीडियो में कही पिटाई नहीं दिख रही है। महिलाएं चिल्ला रही है। कह रही है वह मर जायेगा। जब इस वीडियो के बारे मे पड़ताल किया गया तो मामला दूसरा निकला। अवैध कब्जेदार राजस्व प्रशासन को बैक फुट पर लाने और अवैध कब्जा बरकरार रखने के लिए पहले उसमें आग लगाया और खुद आत्महत्या की धमकी देने लगा। पुलिस आत्महत्या रोकने के लिए उसे पकड़ने का प्रयास कर रही है और वह पुलिस से बचने के लिए चिल्ला चिल्ला कर हाथ पाव मार रहा है। पुलिस उसे पकड़कर अपने वाहन में बैठाना चाहती है और वह पुरजोर विरोध कर रहा है। न्यायालय के आदेश पर सरकारी अवैध कब्जा को हटाने गए प्रशाशन पर ऊलजुलूल आरोप लगाने का प्रयास ठीक नहीं है। सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कराया गया है। सरकारी जमीनों पर जो भी व्यक्ति अथवा परिवार अवैध कब्जा किए है वह स्वयं हटा ले अन्यथा अभियान जारी रहेगा। पवन जायसवाल उपजिलाधिकारी जलालपुर