अनुशासन और समयपालन विद्यार्थी जीवन का अनिवार्य घटक-नीरज

अंबेडकरनगर। विवेकानन्द शिशु कुञ्ज वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एनटीपीसी टाण्डा में भैया बहनों को वन्दना सभा में सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व में जिला प्रचारक रहे श्रीमान नीरज जी ने कहा कि यदि हम सबको अपने जीवन में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करना है तो अनुशासन और समय पालन को अपने जीवन का अनिवार्य घटक बनाना होगा। वन्दना सभा में माँ वीणापाणि के समक्ष पुष्पार्चन पश्चात भैया बहनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अनुशासन ही राष्ट्र को महान बनाता है। इसके अनुपालन से राष्ट्र के प्रति समर्पित नागरिकों का निर्माण होता है। अनुशासन का अर्थ शासन का अनुकरण करना होता है परन्तु आत्म अनुशासन सबसे उत्तम होता है। यह एक अदृश्य अनुबन्ध होता है। अनुशासन से सद्गुणों का निर्माण होता है जिसका आधार मित्रों का साथ होता है यदि मित्रता अच्छी होगी तो अनुशासन पालन में सरलता होगी। संगत का जीवन में बहुत असर होता है। जैसे उत्तम स्वादिष्ट मिष्ठान का साथ जब तक कागज के डिब्बे से रहता है। तब तक डिब्बे को भी सुरक्षित स्थान दिया जाता है जैसे ही मिष्ठान का आखिरी टुकड़ा समाप्त होता है उसकी संगत से विलग होते ही डिब्बे को कूड़ेदान में तिरोहित कर दिया जाता है अतः हमेशा अच्छा साथ रखना चाहिए। जीवन में प्रत्येक कार्य को करने में समय सीमा भी निर्धारित करें। ऐसे ही सद्गुण ग्राही वृत्ति हमारे दैनन्दिन आचरण को परिष्कृत करती है। अतः जीवन में समय पालन एवं आत्म अनुशासन को अति महत्व देते हुए एक श्रेष्ठ नागरिक बनने का संकल्प लें।