Ayodhya

स्कूल प्रबंधक समेत मृतक व परदेशी मनरेगा मजूदरों की दबंगई से ग्रामीण परेशान,सीएम से शिकायत

  • स्कूल प्रबंधक समेत मृतक व परदेशी मनरेगा मजूदरों की दबंगई से ग्रामीण परेशान,सीएम से शिकायत
  • सालों से जाब कार्ड बनवा कर अपात्र बगैर काम किये करते आ रहे हैं घोटाला
  • कथित भाजपा नेता और साधन सम्पन्न लोगों के विरूद्ध अधिकारियों ने नहीं करायी जांच

अम्बेडकरनगर। तहसील जलालपुर क्षेत्र के ग्राम सभा गोलपुर के कथित भाजपा नेता अमरनाथ सिंह की दबंगई का कोई अंत ही नहीं है। जिससे समस्त ग्रामवासी व क्षेत्रवासी परेशान हैं। सत्ता के नशे में चूर होकर ग्राम प्रधान से मिलीभगत कर अपना निजी तालाब जेसीबी से खुदवा कर उसका पैसा मनरेगा के तहत निकलवाया और बंदरबांट कर लिया। और मजे की बात तो ये है की जिसके नाम से पैसा निकला उसमे ज्यादातर लोग बिजनेस मैन और दुकानदार है जो कभी मजदूरी किए ही नहीं है।

बृजेश सिंह जनसेवा केंद्र का संचालन करते हैं,गोलपुर में इनका पक्का मकान, छः बीघा जमीन, ट्रैक्टर आदि तमाम सुविधाएं हैं फिर इन्हें मनरेगा मजदूर दिखाकर इनके नाम पर भी भुगतान किया गया है। राकेश सिंह गोलपुर में ही बैंक ऑफ बड़ौदा का मिनी ब्रांच चलाते हैं, और मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान भी है सभी का पासबुक व एटीएम कार्ड इनके पास ही जमा रहता है। इसके अलावा चंद्रभान जो कि ग्राम प्रधान के टेंट हाउस का मैनेजर एवं प्रधान का ड्राइवर भी है, उसका नाम भी मनरेगा मजदूर में शामिल कर पैसा निकाला जाता है, इसी तरह राजेश, रमेश, संतोष कुमार, मनोहर कुमार, रमेश, मित्र सेन उसीराम, बलराम, जावेद आदि तमाम लोग हैं जो सर्वगुण संपन्न है फिर भी इन्हें मनरेगा मजदूर बनाकर उनके नाम से पैसा निकाला जाता है।

और काफी लोगों को यह भी नहीं पता चलता है कि उनके नाम से पैसा निकल रहा है। वहीं भाजपा नेता अमरनाथ सिंह अपात्र होते हुए भी अपने नाम से पशुशाला पास करा कर उसका भी निर्माण करा लिया और अपने घर के ही कई सदस्यों के नाम से शौचालय भी पास करवा लिया है। उक्त नेता ने गांव के संपर्क मार्ग को जो कि सकरा, मोहम्मदपुर,गोलपुर, किछौछा आदि गांवों को जोड़ता है और उसके दरवाजे से होकर गुजरता है, उस पर भी अतिक्रमण करके रास्ता लगभग बंद कर दिया है।जहां से चार पहिया वाहन का निकल पाना काफी मुश्किल है। सिर्फ पैदल और मोटरसाइकिल से ही लोग गुजर सकते हैं।

शारदा सहायक नहर से गांव में आने का दो ही रास्ता है, एक उसके दरवाजे से होकर गुजरता है जिसको उसने सहन बनवा लिया है और उस पर अतिक्रमण भी कर लिया है और दूसरा रास्ता जो कि सरकारी चकमार्ग हैं। यह शारदा सहायक नहर से हरिजन बस्ती होते हुए बरियावन-किछौछा मार्ग में जुड़ता है। उस पर भी खड़ंजे के बीचो-बीच बोरिंग करवा कर वह भी रास्ता बाधित कर दिया है। जिससे चार पहिया वाहन नहीं निकल पाता। यदि गलती से कोई उधर वाहन लेकर पहुंच गया तो वह अमादा फौजदारी उतारू हो जाता हैं। जिसकी शिकायत गांव के राजेश पाण्डेय ने मुख्यमंत्री पोर्टल सहित जिलाधिकारी से भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गांव के लोग भाजपा का नेता होने के नाते कुछ बोल नहीं पाते और मजबूर होकर अपना रास्ता ही बदल देते हैं।

गोलपुर में ही दूसरे मजरे की हरिजन बस्ती में सुग्रीम नामक दलित के निर्माणाधीन मकान को अपना बताते हुए रुकवा दिया और उस पर दीवानी भी कर दिया है। पीड़ित करीब एक साल से न्याय के लिए अधिकारियों की ऑफिस का चक्कर लगा रहा है, लेकिन भाजपा का नेता होने के नाते कोई भी अधिकारी उसके खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। गांव के ही गुलाबचंद पुत्र राम सुंदर कन्नौजिया की पट्टा शुदा जमीन पर भी वह लोगों को काबिज नहीं होने दे रहा है, उस पर भी मुकदमा करके अपना जमीन बता रहा है।

वर्ष 2017-18 में गांव के राज प्रकाश पांडेय पुत्र श्रीकांत पांडेय के घर के सामने उनके सहन पर जबरन मकान का निर्माण कर लिया। राज प्रकाश पांडेय सभी अधिकारियों के चक्कर लगाकर थक गए,जब कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई तो उक्त जमीन पर दीवानी करके बैठ गए और इसी सदमे में उनको दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत भी हो गई जिससे उनके बच्चे दर-दर को ठोकरे खा रहे है। लेकिन उसका दिल नहीं पसीजा और उनके भाई राम प्रकाश के भी सहन पर जो कि उनकी पुश्तैनी जमीन है, और मंदिर निर्माण के लिए छोड़ा था उस पर भी कई बार जबरन कब्जा करने की कोशिश की।

नाकाम होने पर गांव की ही एक महिला को उकसाकर गांव के सभी ब्राह्मण परिवारों को फर्जी केस में फसवा दिया और बोल रहा है कि जमीन दे दो नहीं तो और भी फर्जी केस इसी महिला से लगवा देंगे। इसके आतंक से पूरे गांव में दहशत का माहौल है। जो भी इनका विरोध करता है, पुलिस पर दबाव बनवाकर उक्त महिला से फर्जी केस करवा देता हैं और मोटी रकम लेकर अपनी शर्त मनवा कर बाद में समझौता भी करवा देता हैं। गांव में एक दूसरे को लड़ना ही इनका मुख्य पेशा है। जिसमें एक पक्ष का साथ देकर उसे मोटी रकम वसूल करता है,और बाद में दबाव बनवा कर समझौता करवाता हैं। किसी भी चुनाव में भाजपा का झंडा लगाकर अन्य पार्टियों में अपने सजातीय प्रत्याशी का प्रचार करता हैं और अपने घर का भी मत भाजपा के खाते में नहीं देने देता।

कभी एक समय में गोलपुर-गयासपुर, जीवत सिसारा आदि गांव में 60 प्रतिशत मत भाजपा के ही खाते में जाता था लेकिन आज अमरनाथ सिंह के कृत्यों के चलते भाजपा का नाम भी कोई लेने से डरता है। गोलपुर जो कि उनका अपना पैतृक गांव है, अपने बूथ पर 10-12 मत से ज्यादा नहीं मिलता। जबकि उनके घर में ही लगभग 25 मत है। ग्रामीण अनिल सिंह, मुन्ना सिंह, फैज मोहम्मद, अकील अहमद ,वेद प्रकाश मिश्रा, विपिन वर्मा ,सुग्रीम गुलाब कन्नौजिया राजेश पाण्डेय आदि ने कहा है कि इन पर अंकुश नहीं लगाया गया तो गांव में कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। समस्त ग्रामवासी व क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व जिलाधिकारी से जांचोपरांत इसके ऊपर उचित कार्यवाही करते हुए इसके मनमानियों पर अंकुश लगाने की मांग की हैं, जिससे गांव में शांति का माहौल कायम रह सके।

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