Ayodhya

सीएम का आदेश बेअसर, भूमाफियाओं पर कार्यवाही के बजाय संरक्षणदाता बने राजस्व अधिकारी

  • सीएम का आदेश बेअसर, भूमाफियाओं पर कार्यवाही के बजाय संरक्षणदाता बने राजस्व अधिकारी

जलालपुर, अंबेडकरनगर। तहसील क्षेत्र के भू माफियाओ के विरुद्ध तहसील प्रशासन के नरम रुख से उनकी पौ बारह हो गई है तथा शिकायत के बाद भी राजस्व प्रशासन इनके विरुद्ध कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। सरकारी जमीनों को खाली कराने और उनके विरुद्ध विधिक कार्यवाही करने की सैकड़ो शिकायतों पर फर्जी व मनगढ़ंत आख्या लगा कर प्रकरण को निस्तारित कर दिया जा रहा है। जलालपुर तहसील क्षेत्र में कई ऐसे मामले सामने आते रहे हैं जिससे राजस्व प्रशासन की लापरवाही आसानी से समझी जा सकती है।

ऐसा एक प्रकरण तहसील के लाभापार ग्राम पंचायत में सामने आया है जिसमें बंजर खाता की जमीन 16 बिस्वा का रकबा दर्ज है। इसी जमीन के कुछ अंश पर गांव के ही एक दबंग द्वारा कब्जा कर लिया गया है। यहां स्थित तालाब का चयन अमृत सरोवर के रूप में किया गया है इस पर भी अवैध अतिक्रमण है। ग्राम प्रधान अमित कुमार के अनुसार वह बीते 6 माह से बंजर खाता और तालाब की जमीन पर किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाने तथा पैमाइश की शिकायत करते चले आ रहे हैं। हल्का लेखपाल और कानूनगो मौके पर पहुंचते हैं एक फोटो खींचकर उसी को आधार बनाकर प्रकरण में फर्जी आख्या लगाकर मामले को निस्तारित दिखा दे रहे हैं।

किंतु भू माफिया के रसूख के आगे प्रशासनिक अमला जमीन पर किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाने में बेबस नजर आ रहा है। उक्त सरकारी जमीनों की पैमाइश के अभाव में गांव में कूड़ा निस्तारण के लिए बनने वाले आरसीसी सेंटर का निर्माण जहां अधर में है वहीं तालाब की पैमाईश नहीं होने से मनरेगा के मजदूर काम के अभाव में बैठे हुए हैं। बीडीओ जलालपुर ने तहसील को पत्र भेजकर सरकारी जमीन को खाली कराने की मांग की है किंतु पत्र फाइल में गुम हो गया है।

इसी तरह का दूसरा मामला तहसील के रुकनपुर ग्राम पंचायत से सामने आया है जहाँ खेलकूद मैदान के लिए जमीन आरक्षित है। इसी खेल के मैदान की जमीन पर पूर्व में एक परिवार द्वारा विद्यालय का संचालन शुरू कर दिया गया । ग्राम प्रधान दयाशंकर राजभर बीते 8 महीने से खेल कूद के मैदान पर किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाने की शिकायत और मांग कर रहे हैं किंतु अवैध अतिक्रमणकर्ता के प्रभाव में तहसील प्रशासन पंगु बन गया है। अवैध भूमाफिया पंचायत विभाग का अधिकारी बताया जा रहा है।
इस सम्बन्ध में तहसील प्रशासन का पक्ष जानने हेतु उपजिलाधिकारी सुभाष सिंह के सी यू जी पर फोन किया गया किन्तु फ़ोन रिसीव नहीं हुआ ।

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