सपा से घोषित लोस प्रत्याशी लालजी को लेकर ठगा महसूस कर रहा है बुनकर
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सपा से घोषित लोस प्रत्याशी लालजी को लेकर ठगा महसूस कर रहा है बुनकर
टांडा,अम्बेडकरनगर। सपा ने पहली सूची में जिले से ऐसे प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है, जो मूल रूप से समाजवादी नहीं हैं। वे बसपा की पृष्ठभूमि से हैं और इसके पहले वे जनता दल में थे बसपा छोड़कर सपा में आये और फिर इन्हे सपा से विधायकी का टिकट दिया गया अब लोकसभा का प्रत्याशी बना दिया गया जिसे लेकर पार्टी में अंदरखाने असंतोष है, खास तौर पर बुनकर अपने को ठगा महसूस कर रहे है। बसपा काडर के नेता रहे लालजी वर्मा को टिकट दिया गया है। वह 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा में शामिल हुए और कटेहरी से विधायक बने। यहां से पुराने समाजवादियों को टिकट न मिलने से उनके समर्थकों में नाराजगी बताई जा रही है। वहीं बुनकर सपा नेतृत्व के फैसले से गुस्से में है पहले टांडा विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक का टिकट काटकर कुर्मी बिरादरी को टिकट दिया और अब फिर कुर्मी बिरादरी को लोकसभा से भी टिकट देकर अल्पसंख्यको को धोखा देने का काम काम किया गया। लालजी वर्मा जब बसपा सरकार में मंत्री थे तब टांडा में जब वे आते थे तो उनके गाड़ी का शीशा बुनकरों के लिए बंद ही रहता था उनके मंत्री रहते बिजली का मुद्दा जब भी लेकर जब भी बुनकर लेकर उनके पास गये तो मंत्री द्वारा यह कहा गया कि धंधा बदल लो क्यो लूम का धंधा करते हो? बसपा सरकार में मुबारकपुर दंगे में बेगुनाह बुनकरों को चुन-चुनकर फंसाया गया। इनके अंदर जातिवाद कूट-कूट कर भरा है इन्होंने केवल बड़ा ठेकेदार अपने सजातीय कुर्मी बिरादरी को बनाया है न पंडित न मुसलमान न ठाकुर न बनिया न दलित किसी को इन्हांने ठेकेदार नहीं बनाया केवल कुर्मी बिरादरी को ठेकेदार बनाया। सपा का यह घोषित प्रत्याशी किसी बुनकर को गले के नीचे नही उतर रहा है बुनकरो का कहना है कि यह मुलायम सिंह यादव,आजम खान तथा अहमद हसन वाली समाजवादी पार्टी नहीं है बल्कि नये लड़को व दूसरे पार्टी के नेताओ से बनी समाजवादी पार्टी है जो समाजवादी पार्टी के पुराने नेताओ को भूल चुकी है इसलिए बुनकरों का सपा से मोहभंग हो गया है बुनकरों की रहनुमाई करने वाले अहमद हसन और अजीमुलहक पहलवान जब से अल्लाह को प्यारे हुए है तब से सपा में कोई ऐसा नेता नहीं है जो बुनकरों की आवाज ऊपर तक पहुंचा सके इसलिए बुनकर अपने को ठगा सा मससूस कर रहे है। लोकसभा चुनाव में मुस्लिम दिल पर पत्थर रखकर कांग्रेस को या बसपा को ओट दे सकते है। बहरहाल कुछ भी हो इस बार का लोकसभा चुनाव बहुत ही दिलचस्प होगा।