मिलावटी खाद्य पदार्थां की बिक्री जोरों पर,नाजायज कमाई में जुटे विभाग के अधिकारी
अम्बेडकरनगर। खाद्य प्रशासन विभाग के उदाशीनता के कारण जिले में धड़ल्ले से मिलावटी मिठाईयां, मसाले सहित खाने में प्रयोग होने वाले बहुत से ऐसे सामान बिक रहे हैं जिसके सेवन मात्र से आमजन को नाना प्रकार की जानलेवा बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन मजे की बात यह है कि जिले में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग का लम्बा चौड़ा अमला होने के बावजूद भी मानव जीवन पर कुठाराघात करके उनके जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है लेकिन शासन प्रशासन मौन होकर मूक दर्शक बना हुआ है। जब त्योहारों का मौसम आता है तो विभाग औपचारिकताएं निभाने के लिए कुछ ऐसी मिठाईयों को जब्त करके अखबारों का हेडलाइन बनवाने के लिए मैनेजिंग ड्रामा किया जाता है जिससे जनता और शासन में इन जानबाज अधिकारियों व कर्मचारियों की बड़ी शाबसी होती है। विभाग सक्रिय है लेकिन हकीकत तो यह है कि मिलावट खोर और विभाग में मिलीभगत होने के कारण यह धंधा दिन दो गुना रात चौगुना की दर से फल फूल रहा है जिसके कारण मिलावट खोरों की आमदनी कुछ ही समय में कई गुना बढ़ जाने के कारण समाज में रहने वाले अन्य लोग भी उसी रास्ते को अख्तियार करने के लिए आकर्षित होने लगते हैं क्योंकि इसको शुरू करते ही आमदनी की भरमार होकर समाज में बड़े लोगों में उनकी भी गिनती होने लगती है। मिलावट का आलम यह है कि मिठाई,पनीर,सरसों का तेल,दूध,दही,सब्जी मसाले,यहां तक कि यह सब्जियां और फल भी इससे अछूते नहीं रह गये है जिसके कारण जनसामान्य में बीमारियां दिनप्रतिदिन बढ़ती जा रही है। सब्जियों को इन्जेक्शन की सहायता से 24 घण्टे में तैयार कर लिया जा रहा है जो जीवन के लिए बहुत घातक बताया जाता है। इतना ही नहीं खाने वाली दालों में भरी मिलावट इतने बड़े पैमाने पर होने लगी है कि असली और नकली का पहचान करना कठिन हो गया है लेकिन जिस विभाग को इस पर रोक लगाने की जिम्मेदारी शासन ने सौंपी है वह विभाग अपने जेबों को भरने में इतना मशगूल है कि उसे आम आदमी के प्राणों की कोई भी चिंता नहीं है। देखना यह है कि जन सामान्य के लिए संवेदनशील रहने वाली प्रदेश की योगी और केन्द्र की मोदी सरकार मिलावट खोरों पर अंकुश लगाकर कब आम आदमी की जिंदगी को सुरक्षित रखने का सफल और सार्थक पहल करेगी।