मां विंध्यवासिनी दरबार में श्रद्धालुओं के लिए आतंक का पर्याय बन गए हैं पण्डा, पुलिसकर्मी भी शामिल

मिर्जापुर। जहां एक तरफ भाजपा सरकार प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री मां विंध्यवासिनी धाम को दर्शन के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है दूर दराज से आये दर्शनार्थ हेतु आम जनमानस के लिए सक्रिय है तो वहीं स्थानीय पुलिस कर्मी एवं जिला प्रशासन की लापरवाही से खुलेआम कुछ तथाकथित पंडों द्धारा आये दिन आम यात्रियों के साथ पैसा लेकर दर्शन कराने के लिए बाध्य करते हैं और न देने पर ढकेलकर बाहर कर देते हैं अगर एक माह की कैमरे की फुटेज प्रशासन निकलवाये तो इन पंडों के काले कारनामें सामने आ जायेंगे जिनमें कुछ वर्दी धारी भी शामिल बताये जाते हैं।यह उदाहरण उस समय देखने को मिला जब गत दिवस मंगलवार को दर्शन के लिए मां विंध्यवासिनी के मंदिर पर लगभग साढ़े आठ बजे जाया गया तो एक पंडा खुलेआम पैसा की मांग की कुछ यात्रियों से और विरोध पर ढकेल कर बाहर कर दिया जब कुछ पंडे मंदिर के गेट पर कब्जा कर लेते हैं और कुछ लाईन में लगे यात्रियों को धकेलते हुए अपने खास यात्रियों को जिनसे वसूली किये रहते हैं सीधे मंदिर के भीतर ले जाकर दर्शन कराते हैं। जबकि पुलिस कर्मी खड़े होकर मूकदर्शक बने रहते हैं अगर यही रवैया रहा तो इन अराजकता के चलते आम जनमानस में आस्था धीरे धीरे खत्म हो जायेगा।सबसे मजे की बात तो ये है कि ये पंडा पैसा लेकर वीआईपी गेट से दर्शकों को दर्शन कराने ले जाते हैं तथा जबरदस्ती पैसा हाथों से छीन लेते हैं अगर कोई पैसा दान पात्र में डालना चाहे तो ये सब नहीं डालने देते।विगत लगभग पंद्रह दिन पहले एक दरोगा के ऊपर हमला भी इन गुंडों द्धारा किया जा चुका है लेकिन तब भी पुलिस पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। यही रवैया अष्टभुजी मंदिर पर भी है वहां खुलेआम पंडों द्धारा गुंडई की जाती है और अगर कोई विरोध किया तो निश्चित ही वो मार खायेगा।इसके अलावा जितने भी धर्म शाला हैं सबमें मनमानी ढंग से दूर दराज से आये आम यात्रियों से दो गुने से अधिक कमरे का किराया वसूला जा रहा है जैसे भागीदारी धर्मशाला, खत्री धर्मशाला सबमें खुलेआम लूट मची है लेकिन इन पर अभी तक कोई भी अंकुश सरकार नहीं लगा सकी है। आम यात्रियों ने मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री से तत्काल इस मंदिर की ,जो व्यवस्था मैहर मंदिर सतना में है वही व्यवस्था विंध्यवासिनी मंदिर एवं अष्टभुजी मंदिर में भी करने की मांग किया है।