पीएम आवास की जांच में बीडीओ के स्पष्टीकरण को लेकर उठ रहे सवाल
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अधिकारियों की ढुलमुल रवैया से त्रस्त शिकायत कर्ता मुख्यमंत्री के दरबार जाने की तैयारी में
अम्बेडकरनगर। प्रधानमंत्री आवास का लाभ पाए अपात्रों की शिकायत के बाद जांच करने गए तीन अधिकारियों द्वारा अपात्रों को पात्र दिखाने के मामले में खंड विकास अधिकारी भियांव द्वारा जारी किए गए स्पष्टीकरण का जवाब तीन माह बाद भी नहीं आया। उक्त तीनों अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं होने से जहां शिकायतकर्ताओं में रोष है वहीं बीडीओ द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण पर सवाल उठ रहा है। प्रकरण भियांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत शिवपाल का है। गांव निवासी विजय लक्ष्मी समेत अन्य ने प्रधानमंत्री आवास का लाभ पाए 27अपात्रों की शिकायत तीन वर्ष पहले से शुरू किया था। मुख्यमंत्री दरबार समेत अन्य उच्चाधिकारियों से की गई शिकायत के बाद तत्कालीन बीडीओ ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर स्थलीय जांच का आदेश दिया था। टीम में तत्कालीन एडीओ आईएसबी सूर्यकांत पांडेय के साथ दो सचिव रंजय कुमार मौर्य और इरफान हैदर ने जांच की और 27 में से शशिकला पत्नी सीताराम और सुधीर सिंह पुत्र बब्बन सिंह को अपात्र दिखा दिया शेष 25 को पात्र दिखाया गया। शिकायतकर्ता उक्त टीम के जांच से असंतुष्ट होकर मुख्यमंत्री पोर्टल जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों से लगातार शिकायत दर्ज कराते रहे। जिलाधिकारी को की गई शिकायत पर तत्कालीन उपजिलाधिकारी हरिशंकर लाल ने जांच लेखपाल को दी जिसमें शिकायतकर्ताओं द्वारा लगाया गए 12 शपथ पत्र की जांच की जिसमें 12 अपात्र मिले जिसकी आख्या पोर्टल पर लोड कर दी गई। अपात्रों से वसूली और शेष अपात्र परिवारों की जांच और कार्यवाही के लिए शिकायतकर्ता लगातार शिकायत दर्ज कराते रहे। इसी क्रम में बीते 13 सितम्बर को बीडीओ भियांव ने पत्रांक संख्या 1479 जारी किया। इस पत्र में तत्कालीन एडीओ आईएसबी सूर्यकांत पांडेय जो वर्तमान समय में सुल्तानपुर जनपद के ब्लॉक जयसिंहपुर में,तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी रंजय कुमार मौर्य जो वर्तमान में जनपद के जहांगीरगंज ब्लॉक और तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी इरफान हैदर जो वर्तमान में बसखारी ब्लॉक में हैं उन्हें बीडीओ भियांव द्वारा नोटिस जारी कर तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा। जिसकी कापी सीडीओ, परियोजना निदेशक के साथ संबंधित बीडीओ को भेजी गई। बीडीओ भियांव ने पत्र में लिखा है कि उक्त तीनों अधिकारियों ने जांच में अपात्र को पात्र दिखाकर ब्लॉक की छवि धूमिल किए हैं। इतना ही नहीं जिओ टैगिंग में घोर लापरवाही बरती गई है। तीन दिन में अपना अपना स्पष्टीकरण दे जवाब संतुष्ट नहीं मिलने पर शासनादेश संख्या 20/2017/778/38-4-17-14 (विविध) 2016 टीसी 17/07/2017 के प्राविधानों के अनुसार विधिक कार्यवाही की जाएगी। तीन माह बीतने को है किंतु उक्त अधिकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। शिकायतकर्ता ने बताया कि यदि दिसंबर माह में कार्यवाही नहीं की गई तो समस्त दस्तावेज लेकर आगामी जनवरी माह में मुख्यमंत्री दरबार जाऊंगा। बीडीओ अंजली भारती ने बताया कि मीटिंग में हूं।