Ayodhya

जुलूस के दौरान इल्तिफातगंज में बवाल प्रकरण इब्राहिमपुर पुलिस के लिए खुल गई है लाटरी

  • मामला निकाय चुनाव में सपा प्रत्याशी की जीत के बाद स्वागत का
  • इस प्रकरण में भाजपा प्रत्याशी की तहरीर पर 25 नामजद एवं 1000 के विरुद्ध अज्ञात मुकदमे का
  • इस घटना में एक भाजपा नेता षडयंत्र को लेकर लोगों में चर्चा
  • निर्दोषों को पकड़कर प्रति से 15 से 20 हजार की वसूली करने में जुटी पुलिस

अंबेडकरनगर |थाना इब्राहिमपुर पुलिस की इल्तिफातगंज बाजार में जुलूस के दौरान हुए दो पक्षों में विवाद के मामले को लेकर लॉटरी खुल गई है जिसमें निर्दोष वसूली का शिकार हो रहे हैं |इसे लेकर सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है | ज्ञात हो कि पिछले दिनों निकाय चुनाव की मतगणना टाण्डा में संपन्न हुई जिसमें सपा प्रत्याशी को विजय हासिल हो गई और भाजपा को हार का सामना करना पड़ा |प्रमाण पत्र मिलने के बाद सपा प्रत्याशी को उसके घर पुलिस ने इल्तिफातगंज पहुंचाया |

कुछ देर बाद उसके समर्थक जुलूस निकालकर स्वागत में लग गए जैसे ही लोग भाजपा प्रत्याशी के आवास की तरफ पहुंचे किसी बात को लेकर दोनों पक्ष के समर्थकों में झड़प शुरू हो गई |मामला पुलिस के संज्ञान में आया, देखते ही देखते कई थानों की फोर्स और उच्चाधिकारी भी धमक पड़े |इस मामले में भाजपा प्रत्याशी की तहरीर पर 25 नामजद और 1हज़ार अज्ञात के विरुद्ध पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए गिरफ्तारी के लिए दबिश देना शुरू कर दिया |

इससे आहत होकर जिन्हें घटना से कोई वास्ता नहीं था और वह वहां थे भी नहीं, लोगों ने हाईकोर्ट जाकर याचिका दायर की जहां से कटेहरी विधायक व पूर्व चेयरमैन समेत छह लोगों को राहत मिल गई और उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगी किंतु वहीं निर्दोष पुलिस के उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं लोगों के आरोप है कि कटेहरी विधानसभा से चुनाव लड़ चुके भाजपा नेता जिन्हें हार का स्वाद चखना पड़ा है, के द्वारा यह व्यू तैयार किया गया है.

जिनके इशारे पर इब्राहिमपुर पुलिस मनमानी में जुटी है और नगर में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज नहीं नहीं खंगाल रही है |इस अनदेखी में निर्दोषों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है |सूत्रों के अनुसार अब तक जिन लोगों को पुलिस ने पूछताछ के लिए थाने लाई है उनसे किसी से 15 तो किसी से 20 हजार की वसूली कर छोड़ दिया गया है.

जिसका मुख्य कारण उनकी घटना में संलिप्तता नहीं मिल पाना बताया जा रहा है |लोगों में चर्चा है कि यह घटना उक्त भाजपा नेता के इशारे पर ही हुई है जिनका मकसद था कि पार्टी प्रत्याशी का हित हो किंतु उनका यह कृत्य आक्रोश का कारण बन गया जनता लामबंद होकर प्रदेश एवं केंद्र सरकार की कल्याणकारी नीतियों को नजरअंदाज करके विपरीत निर्णय लेने को मजबूर हो गई |इससे यह कहा जा सकता है कि उक्त भाजपा नेता के षड्यंत्र से पार्टी की छवि बेहतर होने के बजाय धूमिल हो रही है |

(अगले अंक में पढ़िए नगर निकाय चुनाव में वह है कौन भाजपा नेता और उसका कारनामा)

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