Ayodhya

जनता उमावि. सुरहुरपुर के अवैध कब्जे पर कार्यवाही फिर भी सरकारी जमीनों पर निर्माण का सिलसिला जारी

  • मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद पहुंची राजस्व टीम की जांच में सरकारी भूमि में कब्जे का आ चुका है मामला

  • लोगों ने तहसील के अधिकारियों व कर्मचारियों पर लगाये प्रबंधक से सौदेबाजी कर मौखिक आदेश का आरोप

(अनिल पाण्डेय)
लखनऊ/अम्बेडकरनगर। यूपी के अम्बेडकरनगर शिक्षा क्षेत्र जलालपुर अन्तर्गत संचालित अशासकीय जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुरहुरपुर के प्रबंधक द्वारा सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा के मामले में पीजी पोर्टल की शिकायत पर उच्चाधिकारियों द्वारा दिये आदेश के पश्चात राजस्व कर्मियों ने एक गाटे पर बेदखली की कार्यवाही करके अपने दायित्व से इतिश्री कर लिया और अन्य सरकारी जमीनें जिन पर कब्जा है और अलंकार योजना से मिली धनराशि से रात-दिन निर्माण कार्य चल रहा है जिसमें स्थानीय अधिकारियों का मौखिक निर्माण कराने का आदेश बताया जा रहा है जिससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है।
ज्ञात हो कि पिछले अंको में पीजी पोर्टल की शिकायत पर क्रमशः ‘‘एडेड जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुरहुरपुर के जमीन की जांच में निर्माणाधीन कार्य को टीम ने रोकवाया‘‘, ‘‘एडेड जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुरहुरपुर के प्रबधंक का आया जालसाजी का मामला‘‘, ‘‘सरकारी खाते में संचालित जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुरहुरपुर के अवैध कब्जा मामले में बेदखली की कार्यवाही‘‘ आदि शीर्षक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गयी है। इस मामले में उच्चाधिकारियों के आदेश पर जलालपुर तहसील की राजस्व टीम ने निर्माणाधीन स्थल का निरीक्षण किया तो उन्हें गाटा संख्या-686(क) जो बंजर राजस्व अभिलेख के बंजर खाते की जमीन है, पाया और तत्काल उसकी रिर्पोट तहसीलदार व एसडीएम को प्रेषित किया। इसके बाद इस गाटे पर प्रबंधक द्वारा अवैध कब्जा की स्थिति में बेदखली की कार्यवाही सुनिश्चित की गयी। इसके बाद मामला काफी गरम हो गया और स्थानीय आधा दर्जन लोगों ने दूरभाष पर नाम न छापने की शर्त पर हिन्दमोर्चा को बताया कि प्रबंधक ने सरकारी खाते की जमीन गाटा संख्या-686(ख) जूनियर हाईस्कूल के नाम आबादी की भूमि है गाटा संख्या-683 बंजर खाते में दर्ज अभिलेख है। गाटा संख्या-681 यह भी बंजर खाते ही है गाटा संख्या-687 परिषदीय जूनियर हाईस्कूल के नाम राजस्व अभिलेख में अंकित है। गाटा संख्या-684 व 685 यह दोनों सार्वजनिक रास्ता है, को भी विद्यालय के प्रबंधक ने दशकों से अपने कब्जे में किया है और इन्हीं जमीनों पर शासन द्वारा प्राचीन विद्यालयों के जीर्णोद्धार के लिए शासन को गुमराह करके 79 लाख रूपये बजट लिया और उनके द्वारा रात-दिन निर्माण का कार्य करवाया जा रहा है। लोगों ने बताया कि उक्त एक गाटे पर कार्यवाही तो की गयी लेकिन उसके साथ अन्य सरकारी जमीनों पर भी निर्माण चल रहा है जिसमें अधिकारियों ने ठोस कार्यवाही के बजाय प्रबंधक को मौखिक आदेश दे दिया है जिससे उनका हौसला काफी बढ़ा हुआ है। अम्बेडकरनगर संवाददाता के अनुसार उपजिलाधिकारी पवन जायसवाल से पूछने पर उन्होंने बताया कि टीम गठित की गयी है। जल्द ही जांच होगी और अन्य सरकारी खाते में कब्जे पर बेदखली की कार्यवाही की जायेगी किन्तु ऐसा नहीं हो रहा है। बताया कि यदि सही ढंग से तहसील के अधिकारियों को कदम उठाना ही होता तो गत दिवस अकबरपुर से मालीपुर शाहगंज-वाराणसी होते हुए विंध्यवासनी दरबार तक की फोर लेन निर्माण के दायरे में आ रही जमीनों के किसानों को मुआवजा के प्रक्रिया के समय यहां इसी चौराहे पर पूरी टीम ने बैठक किया और बगल में ही अवैध सरकारी खाते की जमीन में निर्माण चल रहा था किसी ने स्थल तक जाना मुनासिफ नहीं समझा। इससे साबित होता है कि इन सभी के द्वारा पूरी तरह से भूमाफियाओं के खिलाफ शासन के आदेश का उन्हें कोई मतलब नहीं है। जान बूझकर सौदेबाजी करके छवि धूमिल की जा रही है।

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