करोड़ों की लागत से बना राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल सौतिया डाह का शिकार, खण्डहर में तब्दील
अंबेडकरनगर, (व्यूरो)। जनपद के अति सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में बीमारों के इलाज के लिए करोड़ों रुपए की लागत से बना राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल भूत बंगला बन अब खंडहर में तब्दील होने के कगार पर है। जनता के खून की कमाई से निर्मित इस अस्पताल को चालू करने में प्रशासन की कोई दिलचस्पी नहीं है लिहाजा करोड़ां रुपए बेकार हो गया है। यह हाल है आलापुर तहसील के आलापुर गांव में निर्मित गायत्री देवी राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल का जो आज तक चालू नहीं हो सका। विदित हो कि लगभग तीन दशक पहले 7 दिसंबर 1995 को आलापुर तहसील में तत्कालीन महामहिम राज्यपाल मोतीलाल बोरा ने आलापुर गांव में 50 शैय्या गायत्री देवी राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के निर्माण की नींव रखी। तत्समय प्रदेश में बसपा सरकार थी। आयुर्वेदिक अस्पताल का मुख्य भवन के साथ ही चिकित्सकों के आवास आदि के निर्माण के लिए कार्यदाई संस्था प्रदेश समाज कल्याण निर्माण निगम लिमिटेड को निविदा दी गई। कार्यदाई संस्था ने तीन वर्ष के अंदर मुख्य भवन समेत अन्य निर्माण पूरा कर दिया। किंतु इसी दौरान चुनाव में बसपा सरकार हार गई। नई सरकार सपा की बनी किंतु तत्कालीन सरकार ने इस योजना को असली जामा पहनाने के बजाय इस योजना को किनारे कर दिया। धीरे-धीरे भवन का रंग रोगन उखड़ गया। पूरा परिसर भूत बंगला नजर आने लगा। ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के समुचित इलाज की योजना जहां धरासाई हो गई वहीं जनता के कमाई के करोड़ों रुपए बर्बाद हो गए।
अपूर्ण आवास खोल रहे भ्रष्टाचार की पोल
इस आयुर्वेदिक अस्पताल निर्माण में कार्यदाई संस्था ने खूब जमकर भ्रष्ट्राचार किया है। अस्पताल का भवन कहा आज भी आधा अधूरा है वहीं चिकित्सक आवास का निर्माण आज तक नहीं किसी गया। जो निर्माण किया गया है वह भी आधा अधूरा है।