Ayodhya

आंगनबाड़ी भर्ती के लिए आय प्रमाण पत्र में भ्रष्टाचार को डीएम समेत जलालपुर के अधिकारी नहीं ले रहे संज्ञान

  • गैर जनपदों में दोषी लेखपालों पर कार्यवाही यहां कृपा बरसने से बढ़ रहा है मनोबल

  • ऐसी दशा में आंगनबाड़ी भर्ती में पारदर्शिता की उम्मीद नहीं, तहसील के अधिकारी शासन की मंशा पर फेर रहे पानी

    (ओंकार शर्मा)

अम्बेडकरनगर। तहसील जलालपुर के लेखपालों द्वारा आंगनबाड़ी भर्ती में आय प्रमाण पत्र के निर्गत करने में उनके द्वारा भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार को लेकर आवाज उठ रही है किन्तु ऐसे लेखपालों के विरूद्ध अधिकारी जांच एवं कार्यवाही के बजाय उन्हें बचाव की मुद्रा में खड़े है जब कि कई जिलों में दोषी लेखपालों को निलम्बित तक किया जा चुका है लेकिन यहां उनके मनोबल को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। ऐसी दशा में आंगनबाड़ी भर्ती में पारदर्शिता हो पाना आसान नहीं है।
ज्ञात हो कि बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा आंगनबाड़ी एवं सहायिकाआें के लिए जिले की ग्राम पंचायतों में जीरो से पांच वर्ष के नौनिहालों को उन्हें संवारने व शिक्षित करने के लिए सृजित अथवा रिक्त पदों के लिए आवेदन मांगा गया है जिसमें विधवा एवं गरीबी रेखा के श्रेणी में आने वाले परिवार के महिलाओं को प्राथमिकता दी गयी है। ऐसी दशा में प्रमाण पत्र के लिए इच्छुक अभ्यर्थी तहसील व लेखपालां का चक्कर लगा रहे हैं। विधवा है तो उसमें तो कोई लेखपाल हेरा-फेरी नहीं कर पा रहा है लेकिन आय प्रमाण पत्र में बड़े पैमाने पर तहसीलों के लेखपाल मोटी रकम लेकर मनचाहा आय प्रमाण पत्र निर्गत करने में जुटे हुए है। नजीर के तौर पर जिले की जलालपुर तहसील इन दिनों चर्चा में है। पिछले दिनों इस समाचार पत्र में ‘‘आंगनबाड़ी भर्ती में नियम विरूद्ध आय प्रमाण पत्र जारी करने वाले लेखपालों पर अफसरों की बरस रही है कृपा ‘‘ शीर्षक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गयी है। इसके बावजूद भी तहसील के अधिकारियों के सिर में जूं नहीं रेंगा न ही जिले के हाकिम द्वारा ऐसे मामले को गंभीरता से लिया गया जब कि प्रकाशित खबर में गैर जनपदों में आंगनबाड़ी भर्ती में गड़बड़ी पर लेखपालों को निलम्बित करने सहित इस जिले में किन-किन गांव के अभ्यर्थियों जो साधन सम्पन्न है और उनके आय प्रमाण पत्र सम्बंधित लेखपाल द्वारा जान बूझकर लछिमिनिया के कमाल के बलबूते रिर्पोट लगा दी गयी और अभ्यर्थी को प्रमाण पत्र भी मिल गये हैं। बताया तो यहां तक जाता है कि ऐसे लेखपालों ने जिन अभ्यर्थियों से मन चाही रकम नहीं पाया पहले रिपोर्ट अधिक का लगा दिया जिससे सम्बंधित अभ्यर्थी को आवेदन करने में बाधा उत्पन्न हो रही थी लेकिन जैसे ही उनके मंशा के अनुरूप सफलता मिली फिर उनके द्वारा बताये तरीके से आवेदन कराया गया और आय प्रमाण पत्र भी निर्गत कर दिये है। इन्हीं आय प्रमाण पत्रों के सहारे अभ्यर्थी नौकरी पाने की उम्मीद में लगे हैं लेकिन इधर बाल विकास एवं पुष्टाहार के अधिकारी ने आय प्रमाण पत्रों के लिए तहसील से सत्यापन मांगा है इसी दौरान आय प्रमाण पत्र में मनमानी और भ्रष्टाचार उजागर होना शुरू हो गया है लेकिन तहसील के अधिकारियों द्वारा लीपा पेती का कृत्य किया जा रहा है। ऐसी दशा में आंगनबाड़ी भर्ती में पारदर्शिता की उम्मीद नहीं किया जा सकता। आंगनबाड़ी भर्ती में सभी जिम्मेदार अधिकारी भ्रष्टाचार विरोधी सरकार की मंशा पर पानी फेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

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