“जय श्रीराम” के नारे प्रकरण में पुलिस कप्तान ने ट्विटर पर किया खंडन से जनाक्रोश
एम एल शुक्ला
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आखिरकार सम्मनपुर पुलिस को क्यों संरक्षण दे रहे पुलिस कप्तान आलोक प्रियदर्शी
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कहीं अपनी नाकामी को छुपाने का प्रयास तो नहीं कर रहे पुलिस कप्तान
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पीड़ित चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे हैं और साहब कह रहे कुछ हुआ ही नही।
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24 घंटे में नहीं हुई कार्रवाई तो अग्रिम कार्रवाई के लिए बाध्य होगी करणी सेना भारत- शुभम सिंह
अंबेडकर नगरl जनपद के सम्मनपुर पुलिस का घटिया कारनामा और चरित्र उजागर होने के बाद जब मामला मीडिया के संज्ञान में आया तो पूरे जनपद में हलचल सी मच गई। और पुलिस महकमे के हाथ-पांव फूलने लगे आनन-फानन में पुलिस कप्तान ने मामले में लीपापोती करते हुए टि्वटर हैंडल पर मामले का कर दिया खंडन जिससे जन आक्रोश व्याप्त हो गया।
बताते चलें कि सोशल मीडिया पर तेजी से वीडियोस वायरल हो रही थी जिसे प्रमुखता से लेते हुए हिन्दमोर्चा ने खबर प्रकाशित किया तो पुलिस महकमे में हलचल सी मच गई। वीडियो में स्पष्ट रूप से पीड़ित चिल्ला-चिल्ला कर पूछ रहा है कि साहब क्या “जय श्रीराम” का नारा लगाना गलत है आपने हम पर लाठी क्यों भाजी देखते ही देखते थाने की पूरी पुलिस एकजुट हो गई और मोबाइल भी छीनने का प्रयास किया किंतु असफल रही इसके बाद पुलिस ने ग्रामीणों को वहां से खदेड़ दिया।
पीड़ित ने सम्मनपुर थानाध्यक्ष को प्रार्थना पत्र देते हुए आरोप लगाया है कि कांस्टेबल परविंदर यादव ने “जय श्रीराम” का नारा लगाने से मना किया और फिर भद्दी-भद्दी गालियां दी इतना ही नहीं लाठी से मारने लगा और फिर पुलिसिया रौब जमाते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी तक दे डाली। जिसके बाद ग्रामीणों मैं आक्रोश व्याप्त हो गया ग्रामीणों ने ने थाने का घेराव भी किया किंतु वहां से खदेड़ दिए गए। कांस्टेबल परविंदर यादव पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए आनन-फानन में पुलिस कप्तान आलोक प्रियदर्शी द्वारा ट्विटर हैंडल पर मामले का खंडन जिस तरह से किया गया उससे जनपद में आक्रोश व्याप्त हो गया और मामले को लेकर करणी सेना भारत जिला अध्यक्ष शुभम सिंह ने बताया कि पुलिस कप्तान से वार्तालाप हुई और 24 घंटे का समय मांगा गया है। 24 घंटे में कार्रवाई नहीं होती है तो अग्रिम कार्रवाई के लिए करणी सेना भारत बाध्य होगी। पुलिस का ऐसा घटिया रवैया और चरित्र बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।