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UP Election 2022: समाजवादी पार्टी के गढ़ आजमगढ़ में इस बार दिख रहीं दरारें, पढ़िये क्या वोटर का मिजाज

आजमगढ़ । ‘ब्लैक पाटरी’ के लिए दुनिया में मशहूर आजमगढ़ जिला राजनीति में भी अपने अलग मिजाज के लिए जाना जाता है। मुस्लिम व यादव बहुल होने के कारण आजमगढ़ समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। यही वजह है कि यहां से वर्ष 2014 में मुलायम सिंह यादव तो 2019 में अखिलेश यादव सांसद बने। 2017 के विधान सभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद 10 विधानसभा सीटों वाले इस जिले में भाजपा को केवल एक सीट से ही संतोष करना पड़ा था। इस बार राजनीतिक मिजाज बदला हुआ है, टिकट वितरण से नाराज सपा के कई नेता पार्टी प्रत्याशियों का विरोध कर रहे हैं। पेश है आजमगढ़ की रिपोर्ट-

तमसा नदी के तट पर बसा आजमगढ़ ऋषि दुर्वासा की तपोभूमि के लिए भी जाना जाता है। इसे कवियों व शायरों की धरती होने का भी गौरव प्राप्त है। प्रसिद्ध साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन, अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध, कैफी आजमी, प्रसिद्ध नाटककार लक्ष्मीनारायण मिश्र, इस्लामिक विद्वान अल्लामा शिबली नोमानी के नाम से इसकी पहचान रही है लेकिन अब अबु सलेम जैसे अंडरवल्र्ड माफिया का नाम भी इससे जुड़ता है। धर्म-जाति के खांचों में विभक्त यूपी की राजनीति के तटबंध आजमगढ़ में और मजबूत दिखाई देते हैं।

जातियों का संजाल :

गोपालपुर सीट से सपा के वर्तमान विधायक नफीस अहमद चुनाव मैदान में हैं तो बसपा से रमेश यादव, भाजपा से सत्येंद्र राय व कांग्रेस से मिर्जा शाने आलम बेग किस्मत आजमा रहे हैं। कानून व्यवस्था यहां एक बड़े मुद्दे के रूप में दिखाई देती है। बिलरियागंज में एक दुकान में काम करने वाले रामायन मौर्य कहते हैं-‘भाजपा सरकार ने दबंगई खत्म कर दी है। यह बड़ी बात है।’ सीनेट्री व्यवसायी संजय जायसवाल, फल दुकानदार चमन सोनकर और सब्जी व्यवसायी सूरज मोदनवाल बात को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं ‘सबको मुफ्त राशन मिला है, इसकी चर्चा है।’ वहीं अफसर अली छुट्टा जानवरों की समस्या उठाते हैैं।

मुफ्त राशन काफी नहीं :

सगड़ी विधानसभा से बसपा छोड़कर भाजपा में आईं वर्तमान विधायक बंदना सिंह, सपा से डा. एचएन पटेल व बसपा से शंकर यादव चुनाव मैदान में हैं। यहां भाजपा व सपा की सीधी लड़ाई है। करैला गांव के राधेश्याम कहते हैं- ‘महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। बेरोजगारी भी बढ़ी है।’ जयराहा के ओमप्रकाश प्रजापति उन्हीं का बात आगे बढ़ाते हैं- ‘केवल गेहूं व चावल मुफ्त देने से काम नहीं चलता है।’ बेरमा गांव के ओम प्रकाश यादव महंगाई को बड़ा मुद्दा बताते हैं।

अभेद्य दुर्ग तोडऩे की कोशिश :

आजमगढ़ सदर सीट सपा के दुर्गा प्रसाद यादव का अभेद्य दुर्ग है। वह आठ बार के विधायक हैं और नौवीं बार के लिए चुनाव मैदान में हैं। उनका मुकाबला भाजपा के अखिलेश मिश्रा से है। यहां बसपा के सुशील सिंह व कांग्रेस के प्रवीण सिंह मैदान में हैं। इस सीट पर 32 प्रतिशत यादव व 10 प्रतिशत मुस्लिम हैं जो सपा के दुर्ग की प्राचीर हैं। हर्रा चुंगी में रहने वाले शालिक मोहम्मद शहर की खराब सड़कों को दिखाते हुए कहते हैं ‘आठ बार के विधायक बाजार की मुख्य सड़क तक नहीं बनवा पाए।’ मनीष श्रीवास्तव कहते हैं कि इस बार यहां पर भी बदलाव संभव है।

सीधी लड़ाई में भाजपा :

आजमगढ़ की 10 सीटों में से छह सीटों पर भाजपा सीधी लड़ाई में है। इनमें से चार सीटें सगड़ी, अतरौलिया, लालगंज व मेहनगर पर वह काफी अच्छी स्थिति में है। मुबारकपुर में उसकी उम्मीद एआइएमआइएम के गुड्डू जमाली पर टिकी है। गोपालपुर की लड़ाई में भी भाजपा की नजर दूसरे दलों के बीच वोटों के बंटवारे पर है। यहां से भाजपा से पूर्व सांसद नीलम सोनकर, बसपा से वर्तमान विधायक आजाद अरिमर्दन व सपा से बेचई सरोज मैदान में हैं।

यहां 28 प्रतिशत क्षत्रियों के साथ कुल 37 प्रतिशत सवर्ण मतदाता हैं जो भाजपा की बड़ी ताकत हैं। मेहनगर सुरक्षित सीट में सपा ने अपने वर्तमान विधायक कल्पनाथ पासवान का टिकट काटकर पूजा सरोज को उतारा है। भाजपा ने मंजू सरोज व बसपा ने पूर्व सांसद डा. बलिराम के बेटे पंकज व कांग्रेस की निर्मला भारती मैदान में हैं। यहां 22 प्रतिशत सवर्ण व 34 प्रतिशत ओबीसी व 10 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं। गांव में ही रहने वाले नबी हसन मुंबई से सिर्फ मतदान करने आए हैं। कहते हैं-‘वोट देने से पहले कई मुद्दों पर सोचेंगे।’

इन सीटों पर सपा मजबूत :

आजमगढ़ सदर के अलावा फूलपुर-पवई, दीदारगंज व निजामाबाद में सपा सबसे मजबूत स्थिति में है। अचार वाली लाल मिर्च की खेती के लिए मशहूर फूलपुर-पवई से सपा के रमाकांत यादव मैदान में हैं। भाजपा ने यहां अपने विधायक अरुणकांत का टिकट काटकर रामसूरत राजभर को लड़ाया है। अरुणकांत, रमाकांत के ही बेटे हैं। बसपा ने यहां से पूर्व ब्लाक प्रमुख शकील को टिकट दिया है। जहरीली शराब कांड से यहां करीब एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हुई लेकिन चुनाव में यह मुद्दा नहीं है। दीदारगंज से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व बसपा विधायक सुखदेव राजभर के बेटे कमलाकांत राजभर को सपा ने टिकट दिया है।

बसपा ने भूपेन्द्र सिंह मुन्ना, भाजपा ने कृष्णमुरारी विश्वकर्मा को मैदान में उतारा है। दीदारगंज के जातिगत आंकड़े भी सपा के पक्ष में हैं। यहां 20 प्रतिशत मुस्लिम, 15 प्रतिशत यादव, 10 प्रतिशत राजभर के अलावा 14 प्रतिशत अति पिछड़े मतदाता हैं। यहां 17 प्रतिशत सवर्ण व 24 प्रतिशत दलित मतदाता हैं। मार्टीनपुरवा निवासी राम पलट यादव व भोला यादव कहते हैं ‘-आजमगढ़ में कमिश्नरी मुलायम सिंह यादव ने बनाई। मिनी पीजीआइ, महिला अस्पताल, सठियांव की बंद चीनी मिल फिर से सपा ने ही शुरू कराई।’ निजामाबाद विधानसभा में सपा ने फिर से अपने विधायक आलमबदी को टिकट दिया है। बसपा ने डा. पीयूष सिंह यादव, भाजपा ने मनोज यादव व कांग्रेस ने अनिल यादव को टिकट दिया है। इस सीट में 25 प्रतिशत यादव, 18 प्रतिशत मुस्लिम हैं।

पिछले चुनावों के परिणाम

पार्टी – वर्ष 2017 – वर्ष 2012
सपा – 05 – 09
बसपा – 04 – 01
भाजपा – 01 – 00

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