ना प्रेमी, ना पति ने ही लगाया महिला को हाथ, शेयर किया अकेले प्रेग्नेंट होने का पूरा तरीका!
मां बनना लगभग हर औरत का सपना होता है. क्योंकि ये एक ऐसा सुख और खुशी है जिसकी तुलना दुनिया में किसी से नहीं की जा सकती. न लग्ज़री, न पैसा, न ऐश-ओ-आराम. शरीर में तमाम कष्ट सहकर भी औरत अपना बच्चा चाहती ही है. ऐसी ही एक मां है जिसे मां बनने का शौक इस कदर था कि वो अब किसी मर्द के भरोसे बैठने को तैयार नहीं थी. लिहाज़ा वो सिंगल मदर बन गई (She became a single mother).
हमेशा से अपनी औलाद का सपना देखने वाली UK की किंबरली गॉडसैल (Kimberley Godsall) अब किसी पार्टनर के इंतज़ार में और साल बर्बाद नहीं करना चाहती थी. लिहाज़ा उन्होंने अकेले ही अपनी संतान के लिए बहुत सारे जतन किए और आखिरकार अपनी ज़िंदगी में बिना किसी मर्द के उन्होंने मां बनने का सुख हासिल कर लिया.
कई प्रयासों के बाद आखिर में IVF के ज़रिए प्रेगनेंट हुई (Got pregnant with the help of IVF) और अब एक बेटी की मां हैं 38 साल की किंबरली.कुंवारी मां बनकर खुश है एक मां
ट्यूनब्रिज वेल्स (Tunbridge Wells) में एक ट्यूटर के रुप में काम करने वाली 38 साल की किंबरली गॉडसैल (Kimberley Godsall) आज एक बेटी की मां है.
उन्होंने 2019 फरवरी में बेटी स्कारलेट (Scarlett) को जन्म दिया. उसके बाद से स्काटरलेट उनकी दुनिया है. वो उनके लिए सबकुछ है. उस बेटी को जन्म देने के लिए किंबरली ने क्या नहीं किया, वो लाइफ में अकेली थी 2016 में उसका ब्रेकअप हुआ जिसके बाद वो अपने मां बनने का सपना पूरा करने के लिए अब और इंजतार नहीं करना चाहती थी.
किसी पार्टनर और मर्द के इंतज़ार में समय बर्बाद करने की बजाय उसने खुद को प्रेगनेंट करने के तरीकों पर रिसर्च शुरु की. और एक स्पर्म डोनर के ज़रिए मां बनने का सपना पूरा किया (Fulfilling the dream of becoming a mother through a sperm donor). हालांकि ये सबकुछ इतना आसान नहीं था.
कई प्रयासों के बाद जाकर ठहर पाया ‘गर्भ’
किंबरली ने मां बनने की पूरी जर्नी अपने ऑनलाइन ब्लॉग The Single Mother Of All Journeys पर साझा की. किंबरली बेहद ट्रेडिशनल विचार धारा की थी इसलिए कई रिलेशनशिप में रहने के बावजूद वो बिना शादी के अपनी वर्जिनिटी खोना नहीं चाहती थीं. मगर अब वो मां के सुख के लिए और इंतज़ार करने के मूड में नहीं थी.
लिहाज़ा उन्होंने कई डॉक्टरों से संपर्क करना शुरु किया. नवंबर 2017 में उन्होंने एक डोनर के ज़रिए अपना पहला भ्रूण प्रत्यारोपण किया, मगर वो सफल नहीं हो पाया (First embryo transplant through a donor was not successful.).
फिर भी उन्होंने उम्मीद बनाए रखी और फरवरी 2018 में एक बार फिर कोशिश की इस बार भी प्रेगनेंसी में सफलता नहीं मिली. लेकिन मई 2019 में किंबरली ने आईवीएफ (IVF) का सहारा लिया और वो प्रेगनेंट हो गई और अब एक बेटी की मां बनकर वो खुद को दुनिया की सबसे खुशकिस्मत महिला मानती हैं.