मरीजों के इलाज और सुरक्षा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टांडा एक मिशाल

(सरफराज अहमद)
टांडा ,अंबेडकरनगर। टांडा तहसील में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टांडा में आग से बचाव के लिए फायर अलार्म सिस्टम तथा अग्निशामक यंत्र लगा हुआ हैं। जोअन्य अस्पताल के लिए एक मिशाल है।टांडा तहसील के लोगों को इलाज के लिए दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसके लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टांडा की स्थापना 22 जून सन् 1989 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी द्वारा किया गया उस समय टांडा क्षेत्र फैजाबाद जनपद के अधीन था सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टांडा 30 शैय्या का है जिसमें अलग से 4 रिजर्व बेड है तथा एक कोल्ड रूम भी है वर्तमान में टांडा की आबादी लगभग ढाई लाख है जबकि ओपीडी से लेकर प्रसव तक की सुविधा यहां उपलब्ध है। इस अस्पताल में प्रतिदिन 200 से 225 मरीज आते है अस्पताल में अधीक्षक डॉ. अजय कुमार समेत 78 लोगो की तैनाती है। जिनमें 41 नियमित हैं, 30 संविदा तथा 7 कर्मचारी ठेके पर हैं। यहा पर सूगर, बल्ड प्रेसर, एक्स-रे आदि की सुविधा उपलब्ध है जानवरो के काटने पर लगने वाली सूई यहां उपलब्ध है सूई लगवाने के लिए अयोध्या/अम्बेडकरनगर के बार्डर सेवागंज से लेकर पड़ोसी जनपद बस्ती के कलवारी तक के लोग यहां आते है यहां आग से बचाव के लिए सीएचसी के भीतर 17 फायर सिलिंडर लगा है तथा साथ ही फायर अलार्म सिस्टम भी यहां लगा हुआ आग लगने पर भागने के लिए का संकेत भी लगा हुआ है इसके अलावा पानी के लिए बड़ा सा टैंक भी बना हुआ है बाहरी हिस्से मे पानी डालने के लिए पाइप सिस्टम भी लगा है अस्पताल में भौतिक व्यवस्था की बात करें तो बिजली काटने के बाद जेनरेटर की व्यवस्था उपलब्ध है, जिससे अस्पताल में लगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चल सके। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टांडा के अधीक्षक अजय कुमार ने बताया कि आग से बचाव के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध है यहां कुल 17 फायर सिलिंडर तथा फायर अलार्म सिस्टम लगा हुआ है आग से बचाव के लिए बाहर जाने का संकेत लगा हुआ है जिससे लोग बाहर वाले स्थान की तरफ से भाग सके ।