महामाया मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीज छोटकी को चिकित्सकों पर इलाज के दौरान मौत के घाट उतारने का आरोप

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सांस रोग के इलाज में मरीज के पति ने वार्ड-5 में कराया था भर्ती,श्रवण मौर्य ने दिया था जहर का इंजेक्सन-मंशाराम
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पीड़ित ने मुख्यमंत्री समेत अन्य को पत्र भेजकर मामले की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध की है कार्यवाही की मांग
अम्बेडकरनगर। महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के वार्ड संख्या-2 में चेस्ट विभाग में तैनात चिकित्सकों के मनमानी की कार्यशैली को लेकर मंशाराम चौहान ने मुख्यमंत्री समेत उपमुख्यमंत्री व मंत्री चिकित्सा विभाग प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग, जिलाधिकारी समेत प्राचार्य महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज को शिकायती पत्र भेजकर जांच एवं कार्यवाही की मांग किया है। पीड़ित मंशाराम चौहान निवासी नेनुआ थाना बेवाना ने भेजे पत्र में अवगत कराया है कि उनकी पत्नी छोटकी (50) को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। इसके इलाज के लिए महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में भर्ती कराया था जहां इलाज चल रहा था। वार्ड संख्या-2 (चेस्ट विभाग) में भर्ती पत्नी की वहां देख-रेख में थे। 24 फरवरी को शायं लगभग 3 बजे प्रार्थी वार्ड में तैनात चिकित्सक श्रवण मौर्य व उनके सहायोगी एक अन्य चिकित्सक से इलाज को लेकर कुछ कहा सुनी हो जाने के पश्चात चिकित्सक द्वारा मेरे साथ अभद्र वर्ताव करते हुए भर्ती मरीज को जहर का इंजेक्शन लगाकर मार डालने की धमकी तक दी गयी। जिसके चलते भयभीत होकर मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य को 15 फरवरी को शिकायती पत्र देकर चिकित्सक के विरूद्ध कार्यवाही करने की मांग किया। इससे नाराज पत्नी का तत्काल डिस्जार्च कर दिया गया। 9 मार्च को पत्नी की तबियत दोबारा खराब हुई सास लेने में परेशानी होने पर उक्त मेडिकल कालेज में ले जाकर फिर भर्ती कराया प्राथमिक उपचार के पश्चात रोगी को आराम होने पर वार्ड संख्या-5 (चेस्ट विभाग ) में कर दिया गया। 4-5 दिनों में मरीज की हालत में काफी सुधार आया और रोगी भोजन आदि करने के साथ बोलने व चलने-फिरने में की स्थिति में हो गया। इस बीच बदले की भावना से ग्रसित होकर आरोपी चिकित्सक श्रवण मौर्य व उसके अन्य सहयोगी चिकित्सक शशिकान्त द्वारा मेरे पत्नी को मार डालने की रणनीति के तहत 15 मार्च को ऑक्सीजन की बड़ी मशीन लगा दिये। श्रवण मौर्य साजिश के तहत वार्ड में नहीं आया और मोबाइल फाने पर अपने सहयोगी को सलाह दे रहे थे मौके पर सहयोगी चिकित्सक ने 100 प्रतिशत पर मशीन चालू कर दिया जिससे रोगी की हालत बिगड़ने लगी और वह बेड पर जोर-जोर से तड़फ-तड़फ कर बेहोश हो गयी। डॉक्टर से शिकायत करने पर पता नहीं कौन सा इंजेक्शन लगा दिये जिससे मरीज ने तुरन्त दम तोड़ दिया। रात्रि में 9ः15 बजे मृत भी घोषित कर दिये। पीड़ित ने मामले को लेकर मुख्यमंत्री समेत अन्य को पत्र प्रेषित करके मेडिकल कालेज में लगे सीसीटीवी कैमरे व चिकित्सक शशिकान्त के मोबाइल फोन के काल डिलेज की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने की मांग किया।