NR मंडलः वीआईपी स्टेशन रायबरेली पर करोड़ों के घोटाले का आया मामला
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मामले को रेलवे प्रशासन ने लिया संज्ञान,48 घंटे में मांगी रिपोर्ट
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आरोपी स्टेशन अधीक्षक रविरंजन व मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक प्रदीप कुमार श्रीवास्तव अवकाश लेकर फरार
लखनऊ। उत्तर रेलवे रायबरेली स्टेशन जो एक समय वीआईपी की श्रेणी में आता था करोड़ों का घोटाला किये जाने का समाचार मिला है मंडल में मचा हड़कंप दर्जनों बेरोजगार संविदा कर्मी दर दर भटकने को मजबूर रेलवे अधिकारी भी आये संदेह के घेरे में, मिली जानकारी के अनुसार उरे प्रशासन द्बारा हर बड़े बडे स्टेशनों पर सफाई के लिए संविदा पर दर्जनों कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है जिससे स्टेशन की साफ सफाई का पूरा व्यवस्था सुनिश्चित किया जा सके, लेकिन रायबरेली में इतना बडा नटवरलालों ने खेल किया कि रेलमंत्री एवं प्रधानमंत्री का भ्रष्टाचार का जीरो टारलेंस चला गया रददी की टोकरी में। जिसका एक वीडियो वायरल हुआ है और मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ को एक शिकायती पत्र दिया गया है जिसमें आरोपी देशराज,राम सेवक, जगजीवन, राजेश, तुंगनाथ, संदीप लगभग एक दर्जन संविदा कर्मियों ने मंडल रेल प्रबंधक से गुहार लगाई है कि हम लोग जिनकी संख्या पंद्रह की है राय बरेली स्टेशन पर सफाई का कार्य करते हैं हम लोगों की न्यूनतम मजदूरी जो 14 हजार रुपए बनती है और खाता में आता है तो ये मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक प्रदीप कुमार श्रीवास्तव एवं स्टेशन अधीक्षक रविरंजन द्भारा मात्र सात हजार रुपया से लेकर आठ हजार रूपया तक ही दिया जाता है बाकी पैसा जबरदस्ती धमकाकर ऐंठ लेते हैं भुक्तभोगी युवकों ने बताया कि भर्ती करते समय भी इन रेल के नटवरलालों द्बारा प्रति कर्मचारी दस हजार रुपया रिश्वत के रूप में वसूला गया है वीडियो में साफ-साफ भुक्तभोगी युवकों ने बताया कि हम लोगों से मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक प्रदीप कुमार श्रीवास्तव एवं स्टेशन अधीक्षक खुलेआम कहते हैं कि पूरा पैसा नहीं मिलेगा क्योंकि उसको हमें उच्चाधिकारियों को देना होता है हम लोग जब विरोध करते हैं तो सीएचआई एवं स्टेशन अधीक्षक द्बारा भद्दी भद्दी गालियां दी जाती हैं और जूते से पीटने की धमकी भी मिलती है जबकि भुक्तभोगी भुखमरी के शिकार हो चुके हैं भुक्तभोगी युवकों ने बताया कि हम लोगों का चार से पांच माह का वेतन भी रोंक लिया गया है हमारे बैंक खातों का भी जांच करायी जाये असलियत सामने आ जायेगी। भुक्तभोगी जगजीवन एवं देशराज ने बताया कि लगभग आधा दर्जन संविदा कर्मियों का डियूटी ही नहीं लगाते ये दोनों लोग और फर्जी ढंग से वेतन ठेकेदार की मिली भगत से ले रहे हैं और लगभग डेढ लाख प्रति माह का चूना लगाया जा रहा है विगत कई वर्षों से। आखिर कौन है रेलवे का अधिकारी जो इस खेल के पीछे का है सबसे बडा मास्टर माईंड कि इतने दिनों से ये खेल चल रहा है और मंडल के अधिकारी कुंडली मारकर बैठे हुए हैं। बताया तो यहां तक जाता है कि मंडल का एक अधिकारी तथा एक यूनियन का नेता इसका मास्टरमाइंड हैं। सूत्रों के अनुसार उक्त स्टेशन अधीक्षक इतना मनबढ़ है कि ये गत पिछले सप्ताह एक यूनियन का नेता जिसका नाम अजय कुमार है उसको खुलेआम अपशब्दों का प्रयोग करके मारने की धमकी दे रहा है जिसका आडियो वायरल हो रहा है, और साथ ही साथ वरिष्ठता सूची को नजरंदाज करके नेताजी के दबाव में इसको रायबरेली का स्टेशन अधीक्षक बना दिया जब कि शहबाज मुजफ्फर इससे सीनियर स्टेशन मास्टर बताये जाते हैं। अधिकारियों ने गजब के हैं लखनऊ मंडल के अधिकारी। बहर हाल इस संबंध में जब रायबरेली के मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक प्रदीप कुमार श्रीवास्तव से फोन पर जानकारी चाही तो वो फोन नहीं उठाया। इस संबंध में जब इसकी जानकारी महा प्रबंधक बड़ौदा हाऊस नई दिल्ली एवं रेल मंत्री को हिंदमोर्चा के जरिए मिली तो 48 घंटे में रिपोर्ट रेलवे प्रशासन ने मांगा तो बयान देने से बचने के लिए घबड़ा कर दोनों नटवर लालों ने अवैध ढंग से अवकाश लेकर स्टेशन से फरार हो गये। बताया जाता है कि ये दोनों नटवरलाल एक चर्चित तथा कथित यूनियन के नेताओं की शरण में पहुंच चुके हैं अब देखना ये है कि क्या वास्तव में रेलवे प्रशासन से भुक्तभोगी युवकों को न्याय मिल पायेगा ,ये वही नेता है जो विगत लगभग दो वर्ष पूर्व आलमबाग डीजल चोरी में बर्खास्त तथा जेल गये लगभग आधा दर्जन रेल कर्मचारियों का पैरोकार रहा।