कप्तान साहब! अकबरपुर शहर में नो-एंट्री के दौरान वाहनों के प्रवेश से यातायात व्यवस्था हो गई है ध्वस्त
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ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही व भ्रष्टाचार से दिनभर जाम से जूझने को मजबूर हैं राहगीर
अंबेडकरनगर। शहर में यातायात व्यवस्था चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट। जिला मुख्यालय की प्रत्येक सड़कों से पूरे दिन शहर के अंदर लगातार भारी वाहनों का प्रवेश बीच बीच में होता रहता है। जिससे पूरा दिन बाहर के अंदर जाम की समस्या से लोगों को जूझने पर मजबूर होना पड़ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय पर यातायात व्यवस्था यातायात प्रभारी के बस की नहीं रह गई है। आए दिन भारी वाहनों के प्रवेश से शहर के अंदर चलने में काफी परेशानियों का सामना करना लोगों के लिए मजबूरी बन चुका है। नाम न छापने की शर्त पर एक वाहन स्वामी ने बताया कि प्राइवेट बसों को अंदर ले जाने पर महीने का खर्च देना पड़ता है। खर्च ना देने पर यातायात पुलिस के उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है। मुख्यालय पर ही रोडवेज बसों के आगे प्राइवेट बस ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी में सवारियों को बैठाते रहते हैं। जिससे सरकार का राजस्व पूरी तरह से प्रभावित होता रहता है। लेकिन यातायात विभाग को सरकार से क्या मतलब उनकी अपनी जेब जब गर्म करने में प्राइवेट वाहन स्वामी फर्ज निभा रहे हैं तो यह भी नियम और कानून को ताक पर रखकर अपना फर्ज निभाने में कहां से पीछे रहेंगे। मुख्यालय पर चाहे अयोध्या रोड हो या फिर दोस्तपुर रोड अथवा बसखारी रोड से भी शहर में कभी भी कोई भारी वाहन एंट्री करना चाहता है तो वह यातायात पुलिस को पैसा देकर आसानी से शहर के अंदर एंट्री कर जा सकता है। आखिर इस पर कब लगेगी रोक। यहां तक की शहर के अंदर नई सड़क शहजादपुर में भी सड़क चौड़ीकरण होने के बावजूद भी पूरे दिन सड़क के दोनों तरफ वाहनों की एक लंबी कतार सड़क पर ही लगी रहती है। लेकिन यातायात विभाग इसको देखकर नजर अंदाज क्यों करता रहता है। आखिरकार सबसे बड़ा सवाल यह है कि शहर के अंदर कब मिलेगी जाम से निजात।