बीजेपी ने कार्यकर्ता चन्द्रभान पासवान को मैदान में उतार कर सपा की बढ़ाई मुश्किलें
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आधा दर्जन वरिष्ठ मंत्रियों के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं के बीच बेहद लोकप्रिय डॉ. धर्मेन्द्र भी चुनाव में डटे
मिल्कीपुर,अयोध्या। प्रदेश में हो रहे इकलौते विधानसभा उपचुनाव मिल्कीपुर सुरक्षित के लिए भाजपा ने चंद्रभान पासवान एडवोकेट को अपना अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर देने से मिल्कीपुर सुरक्षित सीट से अब भाजपा के चंद्रभान पासवान और समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना बढ़ गई है। उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने प्रत्याशी लड़ाने से मना कर दिया है वहीं पर कांग्रेस पार्टी ने समाजवादी पार्टी को समर्थन दे दिया है इस बात की प्रबल संभावना है कि भाजपा और सपा आमने-सामने चुनाव लड़ेगी मिल्कीपुर सुरक्षित सीट अवधेश प्रसाद के सांसद चुने जाने के बाद उनके इस्तीफा देने से रिक्त सीट पर कराया जा रहा है। अवधेश प्रसाद इसी सीट से विधायक चुने गए थे जो अब सांसद हैं। समाजवादी पार्टी ने अजीत प्रसाद को टिकट दिया है जो सांसद अवधेश प्रसाद के सुपुत्र हैं। विधायक बनने के लिए दोनों ही उम्मीदवार पहली बार चुनावी रणनीति में उतर रहे हैं दोनों ही दूसरी विधानसभा के निवासी हैं। चंद्रभानु पासवान एडवोकेट जहां रुदौली विधानसभा के मूल निवासी हैं वहीं पर अजीत प्रसाद अयोध्या विधानसभा के निवासी हैं। भारतीय जनता पार्टी ने चंद्रभान पासवान एडवोकेट का टिकट काफी परीक्षण और गुप्त रिपोर्ट के आधार पर फाइनल किया है। चंद्रभान पासवान एडवोकेट भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्य समिति के मेंबर रहे हैं उनकी पत्नी दो बार से जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हो रही है। चंद्रभान पासवान कपड़े के थोक व्यापारी भी बताए जा रहे हैं। मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में वह काफी दिनों से गांव-गांव जाकर जनसंपर्क साध रहे थे जिससे रिपोर्ट हासिल करने वाले बड़े नेताओं को उनका नाम हर जगह चर्चा में मिल रहा था वैसे टिकट के अनेक दावेदार थे जो कामयाब नहीं हो सके। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद भी पहली बार चुनाव मैदान में हैं उनके पिता अवधेश प्रसाद काफी अरसे से विधायक व प्रदेश सरकार में मंत्री रहे हैं इस बार पहली बार अयोध्या लोकसभा क्षेत्र से वह समाजवादी पार्टी के चिन्ह पर चुनाव जीत का लोकसभा में पहुंच गए हैं। कुल मिलाकर मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में यह चुनाव जहां अवधेश प्रसाद संसद के प्रतिष्ठा का सवाल है वहीं पर भाजपा के लिए अयोध्या लोकसभा की हार को कम करने के लिए विजय प्राप्त करना बहुत जरूरी हो गया है। भाजपा के लगभग आधा दर्जन मंत्री और नेता विधानसभा में दौड़ रहे हैं वहीं पर अवधेश प्रसाद भी जनसभाएं व कार्यकर्ता बैठक करने में व्यस्त चल रहे हैं। बीजेपी संगठन की तरफ से कार्यकर्ताओं में अपने कार्यशैली से बेहद लोकप्रिय तथा हर मिलने वाले को अपना बना लेने की कला में माहिर विधान परिषद सदस्य प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह को लगाया गया है जो जल्द ही कटेहरी विधानसभा उपचुनाव में संगठन के तरफ से प्रभारी थे और 35000 की जीत दिलाकर बीजेपी संगठन और सरकार की नजरों में लोकप्रिय हो गये हैं। डॉक्टर धर्मेंद्र मिल्कीपुर विधानसभा में कार्यकर्ताओं और विभिन्न संगठन के नेताओं के साथ कई बैठकें कर चुनाव को गतिमान बना दिये है। मिल्कीपुर विधानसभा सीट वर्ष 1977 से स्वर्गीय मित्रसेन यादव के गढ़ के रूप में जानी जाती रही है। अब सुरक्षित होने के नाते अवधेश प्रसाद वहां से दो बार चुनाव जीत चुके हैं और 2017 में भाजपा के बाबा गोरखनाथ विजई हुए थे जो 2022 में अवधेश प्रसाद द्वारा पराजित हो गए थे। मिल्कीपुर सुरक्षित सीट पर यादव और पासी बिरादरी का दबदबा है राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि विधायक रामचंद्र यादव के गांव परसौली के चंद्रभानु पासवान मूल निवासी हैं और उनकी पत्नी वहीं से जिला पंचायत सदस्य है। इसी क्रम में विधायक रामचंद्र यादव चंद्रभानु पासवान के टिकट के पैरों कसर भी बताए जा रहे हैं। मिल्कीपुर सुरक्षित विधानसभा में उपचुनाव 5 फरवरी को होगा और मतगणना 8 फरवरी को कराई जाएगी। जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं चुनाव कार्यालय सूत्रों के अनुसार क्षेत्र में कुल 370829 मतदाता मतदान करेंगे तथा क्षेत्र मैं कल 253 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे जिसमें 6 शहरी और 249 ग्रामीण क्षेत्र में हैं और मत देय स्थल 414 होंगे। चार जोनल मजिस्ट्रेट और 41 सेक्टर मजिस्ट्रेट चुनाव में लगाए जाएंगे। मिल्कीपुर क्षेत्र की कुल जनसंख्या 578017 है मिल्कीपुर उपचुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद चार बार दौरा कर चुके हैं और मिल्कीपुर उपचुनाव के स्वयं वह प्रभारी हैं। उपचुनाव में जिले के प्रभारी सूर्य प्रताप शाही कृषि मंत्री, और स्वतंत्र देव सिंह सिंचाई मंत्री ,जेपीएस राठौर सहकारिता मंत्री ,प्रमुख रूप से लगाए गए हैं संगठन की बागडोर प्रदेश उपाध्यक्ष विधान परिषद सदस्य डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह को सौंपी गई है। जब कि समाजवादी पार्टी ने विधान परिषद में नेता विरोधी दल लाल बहादुर यादव को चुनाव का प्रभार सौंपा है। वे भी पूरी तनमयता के साथ क्षेत्र में डटे हुए है। कुल मिलाकर यह चुनाव बड़ा ही रोचक होने की संभावना प्रबल है।