सदर तहसील अकबरपुर के कर्मचारियों का गजब कारनामा, तालाब पट्टा का मामला
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आवेदक को गुमराह करते चले आ रहे हैं अधिकारी और कर्मचारी
अंबेडकरनगर। सदर तहसील अकबरपुर में अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों का एक ही फंडा बन गया है कि लोगों को गुमराह करना। आए दिन तीन अधिकारियों और कर्मचारियों के रवैया से कोई न कोई व्यक्ति परेशान होकर तहसील का चक्कर लगाते लगाते थक जा रहा है और अंतत उसे थक हार कर कलेक्ट्रेट के सामने अंबेडकर प्रतिमा के पास धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
बताते चलें कि अधिकारियों के गुमराह का शिकार हुए व्यक्ति रणजीत गौण पुत्र सुभाष चंद्र ग्राम व पोस्ट सुरजूपुर तहसील अकबरपुर के निवासी ने बताया कि ग्राम सभा के तालाब गाटा संख्या 194/0.377 हे की नीलामी विगत 29 नवंबर को तहसील सभागार अकबरपुर में हो रही थी तो रणजीत गौण ने भी मछली पालन के लिए आवेदन जमा कर रहा था तो आवेदन जमा कर रहे कर्मचारियों ने यह कहकर मना कर दिया कि उक्त तालाब पर ग्राम सभा के प्रधान की आपत्ति है
जिसके कारण उक्त तालाब की नीलामी नहीं हो सकती है और उसकी जांच के लिए क्षेत्रीय लेखपाल को अवगत करा दिया गया है अभी कुछ ही देर में लेखपाल जांच करके रिपोर्ट बताएंगे। कर्मचारियों के आश्वासन पर पीड़ित रणजीत गौड़ देर शाम लगभग 7 बजे तक तहसील सभागार में बैठा रहा कि अभी लेखपाल द्वारा रिपोर्ट क्लियर कर दिया जाएगा और मैं नीलामी के लिए आवेदन जमा कर दूंगाl
क्योंकि आवेदन जमा कर रहे कर्मचारियों ने पीड़ित को आश्वासन देकर बैठाया था। लेकिन उसे दिन हुआ कुछ नहीं और उसके बाद नीलामी के 2 दिन बाद तहसीलदार अकबरपुर के द्वारा उक्त तालाब की नीलामी आकाश पुत्र ओमप्रकाश के पक्ष में कर दी गई जिससे पीड़ित अधिकारियों की कार्यशैली से परेशान होकर न्याय के लिए अब जिला प्रशासन के सामने गिड़गिड़ा रहा है।
पूर्व में भी इसी सदर तहसील में इन्हीं अधिकारियों और कर्मचारी की मिलीभगत से ऐसा ही मामला और सामने आया था लेकिन होता क्या है। पीड़ित जब न्याय के लिए आवाज उठाएगा तो यह लोग उसकी बात को नजर अंदाज करते हुए जांच के नाम पर कुछ दिन तक दौड़ाएंगे और अंत में मामले को ठंडा बस्ते में डालकर एक पीड़ित का गला घोटने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं।