तेज हवाओं के साथ रिमझिम बारिस ने सरकारी दफ्तरों की सड़कों के उच्चीकृत की खोली पोल
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कलेक्ट्रेट समेत जिला अस्पताल व विकास भवन परिसर तक की सड़कों पर भरे पानी से लोग रहे परेशान
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जल निकासी के समुचित प्रबंध न होने से हल्की बारिश में भी चली आ रही है इस तरह की समस्या
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कृष्णा
अम्बेडकरनगर। मुख्यालय के सरकारी दफ्तरों व वहां तक लोगों के पहुंचने के लिए सड़कों को एक तरफ जहां लाखों रूपये खर्च करके गड्ढा मुक्त और उच्चीकृत करायी गयी वहीं तेज हवाओं के साथ रिमझिम बारिश ने इस विकास की पोल खोल दिया है। सड़कों पर जाने के लिए अधिकारी व कर्मचारी एवं जरूरतमंद शुक्रवार को भरे पानी से होकर गुजरने के लिए मजबूर रहे। इसे लेकर जनमानस के स्वर मुखर हो रहे हैं। ज्ञात हो कि जिलाधिकारी अविनाश सिंह द्वारा अपने कार्यकाल में सरकारी दफ्तरों के सौदर्यीकरण और वहां तक जाने वाली सड़कों गड्ढा मुक्त और उच्चीकृत कराने की दिशा में जोर दिया गया जिसके अनुरूप जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट दफ्तर से लेकर जिला चिकित्सालय,विकास भवन और तहसील वर्तमान में पूरी तरह से चमक रहा है। इस विकास पर कई लाख रूपये व्यय भी हुए हैं इसके बावजूद शुक्रवार को तेज हवाओं के साथ रिमझिम बारिश होते ही इन दफ्तरों तक जाने वाली सड़कों पर इस कदर पानी भर गया कि लोगों के आवागमन में भारी दुश्वारी का सामना करना पड़ा। दफ्तरों के अधिकारियों के जहां वाहन खड़े हैं उनके सभी चक्के पानी में डूब गये हैं। इसका मुख्य कारण जल निकासी का समुचित प्रबंध न होना बताया जा रहा है। इन दफ्तरों के जल निकासी के लिए जो नाले व नालियां पालिका प्रशासन द्वारा बनवाया गया है वह पूरी तरह से पटे पडे़ है या घटिया निर्माण के चलते जगह-जगह टूटकर धराशाई हो चुके हैं। कहीं-कहीं तो इर्द-गिर्द के दुकानदारों ने नाली को ढककर अतिक्रमण कर लिया है जिससे जल निकासी नहीं हो पा रही है। इसे लेकर लोगों को कहना है कि दफ्तरों के सौंदर्यीकरण और आस-पास की सड़कों के मरम्मत और उच्चीकृत करने के पहले यहां के बारिस के पानी के निकास को यदि गंभीरता से लिया गया होता तो आज लोगों को भरे पानी से होकर नहीं गुजरना पड़ता लेकिन सभी को इससे लेना-देना इसलिए नहीं था कि क्या इस पर व्यय हुए रकम उनकी जेब का है? सरकारी खजाने का है इसलिए फिर बारिश के बाद मरम्मत के नाम पर भारी भरकम धनराशि निकलकर बंदरबांट हो जायेगी।