सिसवा नगरपालिका अध्यक्षा का वित्तीय अधिकार हुआ बहाल
हिंदमोर्चा न्यूज़ सिसवा बाजार/महराजगंज
● अध्यक्ष के वित्तीय अधिकार सीज के आदेश को हाईकोर्ट ने किया निरस्त
● शासन ने अध्यक्ष के वित्तीय अधिकार पर लगाया था रोक
सिसवा नगरपालिका अध्यक्षा शकुंतला जायसवाल के प्रतिबंधित वित्तीय अधिकार के मामले में हाईकोर्ट ने गुरूवार को राहत दे दिया। उनके विरुद्ध शासन द्वारा वित्तीय अधिकारों पर रोक लगाए जाने के आदेश को हाईकोर्ट ने अपने एक रिट याचिका में निरस्त कर दिया है। साथ ही आदेश में न्यायालय ने शासन से कहा है कि वो चाहे तो नए सिरे से विधिक करवाई कर सकती है। सनद रहे कि एक वित्तीय मामले में नगर पालिका अध्यक्षा शकुंतला जायसवाल के विरुद्ध तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा एक जांच आख्या रिपोर्ट शासन को कार्रवाई हेतु प्रेषित की गई थी। जिसके तहत अनियमितता में कथित रूप से अध्यक्ष को दोषी मानते हुए उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव ने 26 जून 2024 को आदेश जारी कर उपजिलाधिकारी सदर महाराजगंज शैलेंद्र गौतम को सिसवा नगर पालिका का प्रशासक नियुक्त करते हुए नगर पालिका अध्यक्ष के अधिकारों को प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा शासनादेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय में वाद दाखिल किया गया। जिसके तहत न्यायधीश अंजनी कुमार मिश्र व जयंत बनर्जी की बेंच में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद 1 अगस्त को न्यायालय ने आदेश जारी किया। जिसमें न्यायालय ने मुख्य सचिव के आदेश को निरस्त कर दिया है।
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समर्थकों में खुशी की लहर
हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर पालिका अध्यक्षा व समर्थकों में खुशी की लहर है। आदेश मिलते ही समर्थक नगरपालिका के विभिन्न मुहल्लों में पटाखा फोड़कर मिठाई बांटते हुए देखे गए। समर्थकों का कहना था कि न्यायालय का यह आदेश सत्य की जीत है।
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मुझे राजनीतिक षड़यंत्र के तहत दोषी साबित करने का प्रयास किया गया था। लेकिन न्यायालय के स्लोगन सत्यमेव जयते को न्यायालय के आदेश ने यह सिद्ध कर दिया है कि सत्य की हमेशा जीत होती है।
शकुंतला जायसवाल अध्यक्षा नपा सिसवा